अतरौलिया आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। पंचायत सहायक यूनियन उत्तर प्रदेश ने राज्य सरकार द्वारा खरीफ मौसम 2025 से शुरू हो रहे एग्रीस्टैक डिजिटल क्रॉप सर्वे (ई-खसरा पड़ताल) में पंचायत सहायकों को सर्वेयर के रूप में शामिल किए जाने की संभावना पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। पंचायत सहायकों ने बृहस्पतिवार को खंड विकास अधिकारी को एक ज्ञापन सौपा। यूनियन ने मुख्य सचिव को भेजे पत्र में कहा है कि यह कार्य पूर्णतः कृषि विभाग का है, और पंचायत सहायकों के संसाधन व कार्यप्रकृति को देखते हुए यह जिम्मेदारी उन पर डालना न तो व्यावहारिक है और न ही उचित।
सरकार के हालिया आदेश (30 जुलाई 2025) के अनुसार, क्रॉप सर्वे का कार्य लेखपालों की जगह प्राइवेट सर्वेयरों के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया है, जिसमें पंचायत सहायकों को भी जोड़े जाने की संभावना जताई गई है। पंचायत सहायक सोनाली पांडे ब्लाक अध्यक्ष व सुधीर कुमार यादव ने इस प्रस्ताव को ठोस कारणों के आधार पर अस्वीकार करते हुए कहा कि पंचायत सहायकों के पास न तो पर्याप्त तकनीकी संसाधन हैं और न ही इस कार्य के लिए विभागीय ढांचा। पंचायत सहायकों ने कहा कि तकनीकी संसाधनों का अभाव अधिकांश पंचायत सहायकों के पास उच्च क्षमता वाला स्मार्टफोन या जीपीएस सपोर्टेड डिवाइस उपलब्ध नहीं है। पंचायत सहायक सचिवालय का एकमात्र कर्मचारी होता है, उसके फील्ड में जाने से सचिवालय का संचालन ठप हो जाता है।
क्रॉप सर्वे पूरी तरह कृषि विभाग का कार्य है, जो पंचायती राज विभाग की कार्यसूची में शामिल नहीं है। प्रस्तावित भुगतान कार्यभार की तुलना में अत्यंत कम है। मानसून में खेतों में सर्वे के दौरान सर्प, जंगली जानवरों और प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बना रहता है, जिससे जान का जोखिम है, विशेषकर महिला पंचायत सहायकों के लिए।
इस संदर्भ में खंड विकास अधिकारी सागर सिंह ने कहा कि इन लोगों की सर्वे में ड्यूटी लगनी थी, लोगों ने बहिष्कार कर अपनी मांग रखी है उनकी मांग को डीपीआरओ ऑफिस भेज दिया जाएगा, कार्यवाही वहीं से होना है।
इस मौके पर प्रिया श्रीवास्तव, खुशबू, अर्चना, संगम, स्वर्णिमा सिंह, सुशील भारती, शालिनी यादव, प्रियंका, उर्मिला, शीला, सरिता, सुमन, नीतू, माला, रंजना, सावित्री, प्रियंका, विवेक यादव, इजहार आदि मौजूद रहे।
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पंचायत सहायकों की यह है मांग
अतरौलिया (आजमगढ़)। पंचायत सहायकों ने खंड विकास अधिकारी सागर सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग किया कि उच्च गुणवत्ता वाले मोबाइल फोन की उपलब्धता करायी जाय। प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन राशि के बजाय सम्मानजनक निश्चित मानदेय दिया जाय। कार्य करवाने वाला विभाग पंचायत सहायकों को उस कार्य से जुड़े सभी संसाधन और सुविधाएं उपलब्ध कराए। फील्ड कार्य के दौरान संभावित दुर्घटनाओं के लिए 10 लाख बीमा और मृत्यु की स्थिति में आश्रित को सरकारी नौकरी दी जाय। यूनियन ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो पंचायत सहायक डिजिटल क्रॉप सर्वे का कार्य करने में पूरी तरह असमर्थ होंगे।
रिपोर्ट-आशीष निषाद