आज़मगढ़ (सृष्टिमीडिया)। प्रदेश के विशेष सचिव, पशुधन देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने वृहस्पतिवार को आयुक्त सभागार में मण्डलीय विभागीय समीक्षा किया। उन्होंने कहा कि गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों को बरसात के दिनों में बैठने की दिक्कतें आ सकती हैं, इसलिए बरसात को दृष्टिगत रखते हुए सभी गोआश्रय स्थलों में 500 से 1000 वर्गफीट में ईंट का पक्का चबूतरा तत्काल बनवाया जाय।
उन्होंने निर्देश दिया कि वृहद गो संरक्षण केन्दों का निर्माण समयान्तर्गत गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए तथा जो पूर्ण हो गये हैं उसे तत्काल संचालित किया जाय। उन्होंने गोआश्रय स्थलों से सम्बद्ध चारागाह भूमि पर चारा बुवाई की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि चारागाह की ऐसी भूमि जिस पर अवैध अतिक्रमण है उसे अतिक्रमणमुक्त कराया जाय। चारागाह की जो जमीन अतिक्रमणमुक्त एवं टैग्ड है उस भूमि पर हरे चारे की बुवाई की जाय, जिससे हरा चारा आच्छान का क्षेत्रफल बढ़ सके। चारागाह की जमीन के चारों तरफ मेड़बन्दी कराकर उस पर पाकड़, सुबबुल एवं अन्य पशु चारा प्रजाति के पेड़ लगाये जायें।
मण्डलायुक्त विवेक ने समीक्षा बैठक में कहा कि गोवंश संरक्षण संवेदनशीलता एवं शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता का कार्यक्रम है, इसलिए व्यवस्थाओं को सुदृढ़ कराये जाने के दृष्टिगत सभी उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी सप्ताह में कम से कम एक बार अपने अपने क्षेत्र के गोआश्रय स्थलों का अवश्य निरीक्षण करें। निरीक्षण में यदि कोई कमी पाई जाती है तो तत्परता से सुधार कराया जाय। समीक्षा में पशुधन बीमा, कृत्रिम गर्भाधान, कुक्कुट विकास नीति, बैकयार्ड पोल्ट्री कार्यक्रम आदि की भी विस्तृत समीक्षा की गयी।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार