हारमोनियम और तबले की थाप पर जोगीरा और पारंपरिक चैती के लगे सुर
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। होली की मस्ती का रंग गंगा पार सजी टेंट सिटी में भी नजर आया। हारमोनियम और तबले की थाप पर जोगीरा और पारंपरिक चैती का सुर कलाकारों ने लगाया। एक तरफ ठंडई तो दूसरी तरफ गुजिया की मिठास हर किसी को लुभा रही थी। सिल-बट्टा से बनारसी अंदाज में प्रभाकर यादव भांग पीसते नजर आए। कोई लंबी-लंबी मूंछ पर ताव दे रहा था तो महिलाएं फागुनी अंदाज में झूम रही थीं। सोमवार को टेंट सिटी में गीतकार कन्हैया दुबे केडी के गीतों को अमलेश शुक्ला ने अपने स्वरों से सजाया। पप्पू बाबा दाढ़ी बढ़ा के काशी से गइले कश्मीर हो…, भगवा रंग घुलल मौसम में…., महाश्मशान में भोले बाबा और भोले की टोली रे…, काशी का फगुआ बड़ा जबरदस्त है…, इहै फगुनवा देखकर बाबा जुटिहें 24 के तैयारी में…की धुन पर पर्यटकों ने भी जमकर आनंद उठाया। इसके बाद तिवारी जी के गीत आपके मफलर खांसी छूट गईल… मान मनव्वल छोड़ छोड़वल होई संसद के गलियारे में… सहित अनेक गीत सुनाकर फगुआ का अहसास कराया। तबले पर दीपक सिंह, ढोलक पर नसीम, हारमोनियम पर दयानंद संगत कर रहे थे।