तरवां आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशानुसार सभी पंजीकृत, अपंजीकृत नर्सिंग होम, अस्पताल सोनोग्राफी सेंटर, पैथोलॉजी सेंटर की जांच करें, जो गलत है उस पर उचित कार्रवाई करें। लेकिन तरवां क्षेत्र के परमानपुर, खरिहानी लालगंज में स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से अवैध सेंटरों का भरमार लगा हुआ है और जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। जबकि हकीकत यह है कि आज भी क्षेत्र मंे यह लोग सिर्फ डॉक्टर का डिग्री लगाकर गाढी मोटी कमाई कर रहे हैं। बस नोटिस दिया जा रहा है। डाक्टर अपने विभाग के अधिकारियों से मिलते हैं इसके बाद उनकी पुरानी व्यवस्था बहाल हो जाती है।
नीम हकीम खतरे जान वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। तरवां से लेकर लालगंज में कई घटनाएं हुई हैं। आज भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई हुई भी तो कुछ दिन के लिए इसके बाद उनकी पुरानी व्यवस्था बहाल हो गई। अब ऐसी कौन सी व्यवस्था है कि जो अस्पताल फर्जी हैं लेकिन जब आजमगढ़ जाते हैं तो सब सही हो जाता है। बिना स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से यह सब संभव नहीं है। जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। जिस प्रकार से जांच की प्रक्रिया चल रही है उससे तो कार्रवाई की बहुत उम्मीद नहीं की जा सकती। जब इस प्रकरण पर डिप्टी सीएमओ उमा शरण पांडेय से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं उठा।
रिपोर्ट-दीपक सिंह