मौके पर होता निराकरण तो नहीं देखना पड़ता कोर्ट, कचहरियों का मुंह: मृतक

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जमीन सम्बंधी विवाद में जब तक जिले, तहसील, ब्लाक व गांव स्तर पर प्रधान व सम्मानित लोग ऐसे मामलों का मिलकर निस्तारण नहीं करेगें तब तक हत्या व मारपीट की घटनाएं होती रहेगी उक्त बाते मृतक संघ के अध्यक्ष लालबिहारी मृतक ने कही।

मृतक संघ के अध्यक्ष लालबिहारी मृतक ने जनसंदेश टाइम्स के प्रतिनिधि से एक वार्ता में बताया कि यदि तहसील स्तर, ब्लाक स्तर व गांव स्तर पर जमीन सम्बंधि विवादों के लिए अधिकारी ग्राम प्रधान तथा समाजसेवी प्रतिवद्ध होकर खेतों तथा जमीन के पास जाकर शिविर लगाकर जमीन सम्बंधी समस्या का निराकरण करें तो किसी को भी कचहरी का मुंह नहीं देखना पड़ेगा तथा मौके पर समस्या का निराकरण होने के बाद किसी को सिविल कोर्ट, उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय नहीं जाना पड़ेगा। उन्होने आगे कहा कि सरकारी विभागों के तहसीलों, चकबंदीयों, विकास खण्डों के अभिलेखों मेे धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, अन्याय, घूसखोरी द्वारा जीवित को मृत करने व जालबट्टा द्वारा दूसरों की जमीनों, मकानों को हड़पने के विरुद्ध वह निरंतर संघर्ष कर रहे हैं। साथ ही उन्होने कहा कि कुछ अधिकारियों कर्मचारियों, नेता, मंत्रियों अपने संवैधानिक पदों की कुर्सियों पर बैठे कुछ लोग अमीर, गरीब, जातिवाद, धर्मवाद, ऊंच-नीच परिवादवाद से ग्रसित हैं, जिनके खूनों, संस्कारों में न्याय करने की क्षमता नहीं है, अपने अधिकारों कर्तब्यों, मानवता न्याय से निष्क्रिय होकर पदों का दुरुपयोग कर अन्याय कर, संविधान व कानून का अपनान कर अनपढ़, गरीब पीड़ित जनता का खून चूस रहे हैं। जिससे आये दिन झगड़ा, फौजदारी, हत्या, मुकदमा, अपराध की वृद्धि हो रही है इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार, अधिकारियों, कर्मचारियों व न्यायलय की है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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