गंगा और शहर की दुर्दशा को लेकर कांग्रेस ने जारी किया पोस्टर
वाराणसी। सनातन संस्कृति और बनारस की आध्यात्मिकता को विकास के नाम पर खत्म करने का षडयंत्र किया जा रहा है। काशी के घाट खतरे में हैं और जगह-जगह से दरक भी रहे हैं। गंगा में गिरने वाले नाले अब तक बंद नहीं हो सके हैं। बावजूद इसके सरकार का दावा है कि गंगा आचमन और स्नान के योग्य हो गई हैं। उक्त बातें कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष अजय राय ने सोमवार को अस्सी घाट पर आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कही।
प्रेसवार्ता के दौरान लगाए कई आरोप
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो भाजपा के जो भी मंत्री या विधायक हैं वह अस्सी से राजघाट के बीच कहीं भी माँ गंगा का आचमन करके दिखाएं। साथ ही गंगा का जल अपने और अपने परिवार को पिलाकर दिखाएं। विदेशियों के लिए सरकार ने क्रूज का इंतजाम किया है और बनारसियों के लिए नौका रेस का। यही हाल रोजगार का भी है। बनारस में सारे ठेके और काम गुजरात के लोगों को मिल रहे हैं, स्थानीय लोगों के लिए कुछ नहीं है। अजय राय ने कहा कि कभी बनारस में विकास पर क्योटो और बंदरगाह का नाम लिया जाता था। अब माँ गंगा की गोद में टेंट सिटी और गंगा विलास क्रूज के नाम पर विकास हो रहा है। गंगा पार रेती पर 11.95 करोड़ रुपये खर्च करके एक नहर बनाई जा रही थी। आज पता चला कि बिना केंद्र सरकार की अनुमति के अधिकारियों ने नहर खोद डाली। मैं केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग करता हूं कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। इस अवैज्ञानिक निर्णय से मां गंगा की धारा से छेड़छाड़ की गई जो किसी अपराध से कम नहीं है।
धर्म और संस्कृति के साथ हो रहा खिलवाड़
उन्होंने कहा कि सत्ता पाने के लिए बनारस के धर्म और संस्कृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। भाजपा को तीर्थस्थल और पर्यटन स्थल के बीच का फर्क नहीं पता है। काशी की धार्मिक संस्कृति को बचाने के लिए जरूरी हुआ तो कांग्रेस बड़ा आंदोलन करेगी। कांग्रेस की तरफ से बनारस के धंस रहे घाट और गंगा में गिर रहे नालों व गंगा पार नहर की फोटो को जारी किया। प्रांतीय अध्यक्ष ने कहा कि यह पोस्टर शहर में लगाए जाएंगे और बनारस की जनता को जागरूक किया जाएगा।