मेंहनगर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय तहसील क्षेत्र के गौरा गांव में चल रहे सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के पांचवे दिन प्रवचन करते हुए पंडित कौशल किशोर महाराज ने कहा की यदि मनुष्य का संकल्प अच्छा व शुभ हो तो विकल्प अवश्य प्राप्त होता है।
उन्होंने कथा के अन्तर्गत श्रीराम वन गमन की व्याख्या करते हुए बताया कि राम वनगमन में माता कैकेई केवल निमित्त मात्र हैं। वस्तुतः भगवान श्रीराम स्वयं वन जाना चाहते थे। जिस समय लक्ष्मण को यह समाचार मालूम हुआ कि भगवान श्रीराम जी वन जा रहे हैं, यह सुनकर लक्ष्मण अपनी माता सुमित्रा से विदा मांगने के लिए आए। माता सुमित्रा ने जब यह सुना कि भगवान राम वन जा रहे हैं तो माता सुमित्रा ने लक्ष्मण के सिर पर हाथ फेरते हुए कहा कि बेटा राम जी तुम्हारे भाग्य से बन जा रहे हैं जिसमें विशेष कर तुम्हारा हित निहित है क्योंकि धरती पर अत्याचार बढ़ रहा है, पाप बढ़ रहा है। धरती माता को भार हो रहा है। तुम शेषनाग के अवतार हो पृथ्वी का भार तुम्हारे सिर पर है और जब पृथ्वी पर भार होगा तुम्हारे सिर पर भार होगा। भगवान राम जी बन जाएंगे रावण जैसे दुर्दांत का अंत करेंगे पृथ्वी का भार हल्का होगा और तुम्हारे सिर का भार कम हो जाएगा और तुम्हें भगवान के श्री चरण की सेवा का 14 वर्ष तक अवसर प्राप्त होगा। अपना सौभाग्य मान कर प्रभु की सेवा में रत रहो।
रिपोर्ट-धीरज तिवारी