आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कप्तानगंज स्थित एक मैरिज हाल के सभागार में कवि लालबहादुर चौरसिया लाल द्वारा रचित काव्य संग्रह ’मैं मधुमास ढूंढने आया’ का लोकार्पण किया गया। अध्यक्षता डॉ.श्याम वृक्ष मौर्य ने की। मुख्य अतिथि मुंबई के प्रसिद्ध समालोचक डॉ.जितेंद्र पांडेय रहे। मुख्य वक्ता साहित्य भूषण डॉ. राजाराम सिंह, विशिष्ट अतिथि पं.सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन व लोक कवि बालेदीन बेसहारा थे। संचालन घनश्याम यादव व डॉ.अजय गौतम ने किया।
विश्व हिंदी शोध एवं संवर्धन अकादमी आजमगढ़ के तत्वावधान में आयोजित इस लोकार्पण के कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष रुद्रनाथ चौबे रुद्र, उपाध्यक्ष सोहनलाल गुप्त, कोषाध्यक्ष महेंद्र मृदुल, संगठन मंत्री घनश्याम यादव, साहित्यिक मंत्री महेंद्र मौर्य, महिला प्रकोष्ठ प्रभारी सरोज यादव, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ प्रभारी वीरेंद्र भारती, सूचना मंत्री रोहित राही व मीडिया प्रभारी लकी सोनी ने मुख्य अतिथि डॉ. जितेंद्र पांडेय को युवा साहित्य सर्जना का ’हरिऔध’ सम्मान प्रदान किया।
मुख्य अतिथि डॉ.जितेंद्र पांडेय ने लालबहादुर लाल की रचनाओं को लोक मंगलकारी बताया। पंडित सुभाष चन्द तिवारी कुंदन ने कहाकि आज के समय में ऐसी ही रचनाओं की महती आवश्यकता है, जो समाज को निरंतर चिंतन करने पर मजबूर करती हैं। बालेदीन बेसहारा ने पुस्तक ’मैं मधुमास ढूंढने आया’ को एक श्रेष्ठ काव्य संग्रह बताया। इस अवसर पर रुद्रनाथ चौबे रुद्र, महेंद्र मृदुल देवमणि त्रिपाठी अंगार, राकेश पांडे सागर, शैलेंद्र मोहन राय अटपट, विजय प्रताप बुढ़नपुरी, महेंद्र मौर्य, अजय कुमार पाण्डेय, लक्ष्मण दूबे, श्रीमती शालिनी राय, श्रीमती सरोज यादव, राजनाथ राज, संदीप गांधी नेहाल, आदित्य आजमी, राकेश चौरसिया, विशाल चौरसिया, अभिराज बेदर्दी, बैजनाथ गंवार, घनश्याम यादव, सत्यम प्रजापति, राकेश यादव, रामचंदर सिंह, आदित्य दूबे, एम के निषाद, भगवान दूबे, शैलेन्द्र द्विवेदी, रामकृष्ण चौबे, गुलाब चौरसिया, आशुतोष सिंह, संजय सिंह, राजेश सिंह, संतोष कुमार सिंह, सत्यजीत चौरसिया, दीपशिखा चौरसिया, शिवम् चौरसिया, महंत संजय पांडेय उपस्थित रहे। आयोजक सोहनलाल गुप्त स्नेहिल ने सभी का आभार व्यक्त किया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार