आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। होम्योपैथ चिकित्सा पद्धति के साथ-साथ जीवन चक्र को संचालित करने वाली एक विधा भी है। जिसमें सामाजिक सरोकारों का समावेश समाज और व्यक्तियों को निरोगी रहने का सरल और सुगम उपाय बताती है। आज के इस दौर में जब जीवन शैली का बदलाव हर दिन बीमारियों को आमंत्रित कर रहा है ऐसे में होम्योपैथ की तरफ बढ़ा हुआ कोई भी कदम सामान्य ही नहीं गंभीर बीमारियों के उपचार में भी सहायक साबित हो सकता है। उक्त बातें राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज आजमगढ़ के प्राचार्य प्रो.राजेंद्र सिंह राजपूत ने एचएल होमियो क्लीनिक के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त की।
उन्होंने डॉ.सिद्धार्थ और डॉ.ज्योति खंडेलवाल के लिए उज्जवल भविष्य की शुभकामना व्यक्त करते हुए प्रोफेशन के साथ-साथ मानवता की सेवा करने का भी संकल्प लेने का संदेश दिया। नेशनल होम्योपैथिक काउंसिल के सदस्य डॉ.भक्तवत्सल ने कहा कि होम्योपैथ वह हुनर है जो अमीरी और गरीबी का भेद मिटा देती है। उन्होंने कहा कि आने वाला वक्त इस पद्धति को और मजबूत करने के साथ-साथ लोगों को मानसिक तौर पर होम्योपैथ से जुड़ने का आवाहन करेगा। जर्नलिस्ट क्लब के अध्यक्ष आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि होम्योपैथ अब सिर्फ मीठी गोली तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि अब इसकी पहचान उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा पद्धति में हो रही है। इस मौके पर डॉ.अशोक सिंह, देवेश दुबे, डॉ.नेहा दुबे आदि मौजूद रहीं। संचालन डॉ.सीजी मौर्य ने किया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार