आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सुंदर समाज की रचना से ही सुंदर और शक्तिशाली देश की कल्पना की जा सकती है। आज समाज में तमाम तरह की कुरीतियां व्याप्त हैं। ऐसे में जरूरी है कि ईश्वर की भक्ति के साथ अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिया जाए। ईश्वरीय ज्ञान और सुंदर समाज के लिए यह भी जरूरी है कि तामसी भोजन का परित्याग कर सात्विक भोजन ग्रहण किया जाए। कारण कि सात्विक भोजन से ही मन में अच्छे विचार उत्पन्न होंगे और समाज खुशहाल होगा।
मुहम्मदपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत कोइलाड़ी खुर्द में रामदुलार महंत के आवास पर आयोजित शिव नरायण पंथ के संत सम्मेलन में यह संदेश संतों ने दिया। रामदुलार महंत की अध्यक्षता व चंद्रबलि महंत के संचालन में हुए सम्मेलन में शिवनारायण पंथ के जिला उप हुकुमी नखड़ू दास ने कहा कि स्वामी शिव नारायण जी ने संदेश दिया कि संत योग करके परमात्मा में विलीन हो सकते हैं।
दुर्वासा के बाबा राजकुमार महंत ने कहा कि मानव को मानव बनाने के लिए संत रविदास, कबीर, स्वामी शिव नारायण जैसे अनेक संत पैदा हुए, जिन्होंने भक्ति के माध्यम से लोगों के जीवन को ऊपर उठाने का कार्य किया। चंद्रबली महंत ने कहा कि स्वामी शिवनारायण जी ने लोगों को एक मत होने का नारा दिया। उन्होंने शिक्षा पर बल दिया और कहाकि तामसी भोजन से दूर रहकर तथा उच्च शिक्षा ग्रहण कर आप आगे बढ़ सकते हैं।
इस अवसर पर तिलकधारी, चौथी राम लेखपाल, रूपचंद मास्टर, राजनाथ, बलिहारी, डा. केदार, छांगुर, मनफेर, शंकर प्रसाद, इंदल प्रसाद, राम अवतार स्नेही, रीता भारती, प्रभाकर, सुधाकर, अवधेश, बलिहारी, द्वारिका प्रसाद, राम आश्रय, राम नगीना आदि उपस्थित थे।
रिपोर्ट-सुबास लाल