बजट सत्र: राज्यसभा में कांग्रेस-भाजपा सांसदों के बीच तीखी नोंकझोंक

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घोटालों को लेकर खड़गे ने शेर सुनाया तो सभापति भी शायराना हो गए

नई दिल्ली। बजट सत्र के आठवें दिन बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और भाजपा सांसदों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की स्पीच के दौरान कई पल ऐसे आए जब हंसी-ठिठोली भी हुई। मोदी-शाह की वॉशिंग मशीन, हरिश्चंद्र का जिक्र हुआ। खड़गे ने शेर सुनाया तो सभापति भी शायराना हो गए। 40 मिनट की स्पीच के दौरान खड़गे सभापति जगपति धनखड़ से भी उलझते दिखे। उन्होंने अडाणी और मोदी के रिश्ते, अडाणी के तेजी से अमीर बनने, अडाणी की कंपनियों को लेकर सवाल पूछे।

अडाणी को लेकर भी उठाए सवाल

दरअसल, खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमेशा चुनावी मोड में दिखाई देते हैं। इधर, संसद चलती रहती है, उधर मेरे संसदीय क्षेत्र कलबुर्गी में गए हैं। अरे भई मेरा एक ही एक संसदीय क्षेत्र मिल रहा है आपको। और एक संसदीय क्षेत्र में दो-दो मीटिंग। खड़गे के इतना कहते ही सदन में ठहाके गूंज उठे। पीएम मोदी भी खिलखिलाकर हंस पड़े। इसके कुछ देर बाद खड़गे अडाणी पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा किस तरह से एक आदमी 12 लाख करोड़ पर कब्जा करके बैठा है। जेपीसी बनाइए और अगर ये घोटाला करने वाले हरिश्चंद्र निकले, पाक-साफ निकले तो हम इन्हें माला पहनाएंगे।

…जब मोदी फिर हंसते नजर आए

इस पर सभापति बोले फिर कब्जा…! खड़गे ने फौरन टोका और कहा- जेपीसी बने। सभापतिजी बहुत अच्छे एडवोकेट हैं। आपकी कुछ बातें बताऊं। आपने मुझसे कहा था कि शुरू-शुरू में मैं हाथ से पैसे गिनता था। फिर मशीन से पैसे गिनने शुरू कर दिए। इस पर सभापति बोले- ‘वकील वाली बात आथेंटिकेट करने की जरूरत नहीं। हाथ जोड़ता हूं। मैंने मशीन से पैसे गिनने की बात नहीं की थी। लगता है कि आप मुझ पर भी जेपीसी बैठाएंगे।’ इतना कहने के बाद सदन में ठहाके गूंज गए। मोदी फिर हंसते नजर आए।

खड़गे बोले- अगर मैं सच कहता हूं तो ये राष्ट्रविरोधी है। मैं किसी भी आदमी से ज्यादा देशभक्त हूं। मैं अफगानिस्तान या जर्मनी से नहीं आया हूं।

खड़गे बोले- अगर मैं सच कहता हूं तो ये राष्ट्रविरोधी है। मैं किसी भी आदमी से ज्यादा देशभक्त हूं। मैं अफगानिस्तान या जर्मनी से नहीं आया हूं।

जाति को लेकर भी उठाया प्रश्न

खड़गे ने कहा कि कहीं क्रिश्चियन का धार्मिक स्थल, उस पर निगाहें हैं। शेड्यूल कास्ट मंदिर गया तो उसे मारते हैं, सुनवाई नहीं होती। शेड्यूल कास्ट को हिंदू मानते हैं ना, तो उसे मंदिर में क्यों नहीं जाने देते। उसके घर जाकर खाना खाकर मंत्री फोटो शेयर करते हैं। जब धर्म एक है तो उसे मंदिर में क्यों नहीं जाने देते हो। एक तरफ वो हमारे साथ भी नफरत करते हैं। धर्म-जाति-भाषा के नाम पर नफरत कर रहे हैं। नफरत छोड़ो और भारत को जोड़ो। राष्ट्रपति राधाकृष्णन ने कहा था कि हिंदू हो या मुसलमान, राजा हो या किसान…सबका सम्मान करना चाहिए।

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