आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शहर के जाफरपुर स्थित श्री राम जानकी मंदिर पर आयोजित सप्त दिवसीय संगीतमय श्री हनुमान कथा के छठे दिन रविवार की रात्रि प्रवचन करते हुए बाल ब्यास पंडित कौशल किशोर जी महाराज ने कहा कि हनुमान का अवतार प्रभु श्री राम की सेवा और प्रभु के नाम में अनुराग वृद्धि के लिए हुआ है। हनुमान को श्री राम ने लंका जलाने का आदेश नहीं दिया था केवल सीता जी का पता लगाने का निर्देश प्राप्त था, पर हनुमान ने लंका जलाया।
ब्यास जी ने कहा कि बजरंग बली ने रावण की लंका में आग लगाकर उसे नष्ट कर दिया था। इस घटना के पीछे एक गुप्त संवाद था, माता पार्वती का श्राप और हनुमान का शिव से वचन लेने का एक रहस्य भी शामिल है। हनुमान को प्रभु श्रीराम के संदेश के साथ लंका भेजा गया था। रावण की लंका में आग लगाने का एक गुप्त संवाद भी था, जो हनुमान तक पहुंचा था। रामायण के अनुसार, हनुमान ने उस गुप्त संवाद को सुनकर ही लंका में आग लगाई थी। माता पार्वती ने एक बार शिव जी से कहा था कि आप क्यों मशान में निवास करते हैं हमें भी निवास करने के लिए एक भवन चाहिए, तब शिव जी ने सोने की लंका बनवाई थी और उस के गृह प्रवेश के लिए आचार्य के रूप में रावण को बुलाया था। परंतु जब रावण से पूछा गया कि वो दान में क्या लेना चाहता है तो उसने दान में पूरी सोने की लंका मांग ली थी। इसलिए माता पार्वती ने क्रोध में आकर रावण को श्राप दिया था लंका के नष्ट हो जाने का। हनुमान जी ने इस श्राप के कारण भी लंका को जला दिया था। माता पार्वती के श्राप के कारण और शिव जी द्वारा दिए हुए वरदान के कारण हनुमान ने लंका में आग लगाई।
इस अवसर पर टीपी सिंह, घनश्याम तिवारी, राम प्रकाश, अखिलेश मिश्र गुड्डू, राय अनूप श्रीवास्तव, आचार्य अंकित मिश्रा, आचार्य पंडित कृष्ण मुरारी दुबे, बबलू सिंह, अजय वर्मा, प्रमोद वर्मा, संजय चौरसिया आदि उपस्थित थे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार