सभी अफसरों को जारी किया कारण बताओ नोटिस
आजमगढ़ (सृष्टि मीडिया)। जनपद के नेहरु हॉल में आयोजित जोनल मजिस्ट्रेटों की ट्रेनिंग से उस समय हड़कम्प मच गया जब छह जोनल मजिस्ट्रेट गायब थे। इस स्थिति पर जिला निर्वाचन अधिकारी अमृत त्रिपाठी ने सभी का लोकेशन और कारण जानने के लिए फोन कराया, लेकिन फोन नहीं उठा। लापरवाही उजागर होने पर सभी से 24 घंटे के भीतर जवाब माँगा गया है। संतोष जनक उत्तर न मिलने पर सबके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है।
कार्रवाई से मचा हड़कम्प
बतादें, जिला निर्वाचन अधिकारी/ डीएम अमृत त्रिपाठी के मुताबिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 28 जोनल मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। इन सभी लोगों का रविवार को नेहरु हॉल में ईवीएम मशीन एवं वीवी पैट चलाने और मतदान के बाद जमा करने एवं मॉक पोल के दौरान खराब होने तथा मतदान कराते समय खराब होने के रिप्लेस प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझने के लिए प्रशिक्षण आयोजित किया गया था। प्रशिक्षण के दौरान पता चला कि छह आरक्षित जोनल मजिस्ट्रेट एवं पाँच सुपर जोनल मजिस्ट्रेटों में से छह अनुपस्थित पाए गए। प्रशिक्षण में वन संरक्षण सर्किल आजमगढ़ वीसी ब्रम्हा एवं जेडी कृषि सुरेश कुमार सिंह सहित अन्य अनुपस्थित पाए गए। जिस पर डीएम सख्त नाराज हुए। इन लोगों से कारण जानने के लिए फोन किया गया तो फोन भी नहीं रिसिव हुआ। इस पर डीएम ने सीडीओ आनंद कुमार शुक्ला को निर्देश दिया कि लापता इन छह जोनल मजिस्ट्रेटों को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। नोटिस जारी होने के बाद यदि अगले दिन सोमवार को उपस्थित नहीं होते हैं तो संबंधित के विरूद्घ सुसंगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर चुनाव आयोग को सूचित किया जाए।
कर्मचारियों को दी हिदायत
नेहरूहाल में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम से अधिशासी अभियंता आवास विकास परिषद अंजनी कुमार श्रीवास्तव और उपश्रमायुक्त राजेश कुमार भी अनुपस्थित थे। इन दोनों अधिकारियों को फोन करके इन लोगों का लोकेशन लेने के लिए फोन किया गया, लेकिन दोनों अधिकारियों का फोन तक नहीं उठा। विधानसभा चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में जिलास्तरीय अधिकारियों की इस प्रकार की लापरवाही उजागर होने पर डीएम नाराज हो गए। साथ ही दोनों अधिकारियों को चेतावनी देने का निर्देश दिया। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी अधिकारी और कर्मचारियों को सख्त आदेश दिया है कि चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।