अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल
वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। ज्ञानवापी परिसर की कमीशन की कार्यवाही प्रकरण में एडवोकेट कमिश्नर को बदलने को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई आज टाल दी गई है। सिविल जज (सीडि) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में अब कल मंगलवार को इस पर सुनवाई होगी। ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्यवाही कर रहे एडवोकेट कमिश्नर को बदलने के लिए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में शनिवार को दाखिल प्रार्थना पत्र पर सोमवार को सुनवाई हुई। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ताओं ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उन्हें बदलने की अदालत से अपील की है। अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर और वादी पक्ष को अपना पक्ष रखने का अवसर देते हुए उनसे आपत्ति मांगी है। वादी पक्ष तथा प्रतिवादी दोनों ओर से अधिवक्ता मौजूद रहे। न्यायालय परिसर के बाहर तथा परिसर के अंदर भारी पुलिस फोर्स मौजूद रहे।
सुरक्षा को तैनात रही फोर्स
बतादें, अदालत का कहना था कि इस प्रकरण में प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा एडवोकेट कमिश्नर पर प्रश्नचिह्न लगाया गया है, जबकि प्रतिवादी शासन, प्रशासन व पुलिस आयुक्त की ओर से शासकीय अधिवक्ता द्वारा एडवोकेट कमिश्नर को निष्पक्ष कहा गया है। प्रार्थना पत्र की प्रति अभी तक वादी पक्ष के अधिवक्ताओं को प्राप्त नहीं कराई गई है और न ही एडवोकेट कमिश्नर अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित हुए हैं। ऐसे में न्यायोचित होगा कि प्रार्थना पत्र की प्रति वादी पक्ष को दी जाए।
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने लगाया आरोप
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के अधिवक्ताओं का आरोप है कि एडवोकेट कमिश्नर द्वारा सर्वे के दौरान उनकी आपत्तियों पर ध्यान नहीं दिया गया। छह मई को निरीक्षण के दौरान एडवोकेट कमिश्नर की न्यायिक प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं थी। वादी पक्ष के अधिवक्ताओं के दिए जा रहे निर्देश के अनुरूप कार्यवाही की जा रही थी। उनके द्वारा लिखित रुप से विरोध किया गया। इसके बावजूद भी कमीशन की कार्यवाही के लिए सात मई की तिथि और तीन बजे का समय निर्धारित किया गया। अधिवक्ताओं ने एडवोकेट कमिश्नर की कार्यप्रणाली पर कई सवालिया निशान लगाए।
अदालत ने जारी किया अग्रिम आदेश
सुनवाई के दौरान प्रशासन की ओर से उपस्थित जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडेय द्वारा न्यायालय को बताया गया कि छह मई को कमीशन की कार्यवाही सुचारु ढंग से संपादित की गई। इनके बदलने की दरखास्त विधिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इस प्रकरण में एडवोकेट कमिश्नर और वादी पक्ष के अधिवक्ताओं का पक्ष आने के बाद अदालत द्वारा अग्रिम आदेश जारी किया जाएगा। एडवोकेट कमिश्नर द्वारा कमीशन कार्यवाही की रिपोर्ट भी अदालत में प्रस्तुत की जानी है, जिसपर सुनवाई के लिए पहले से ही दस मई की तिथि मुकर्रर है।
रिपोर्ट : अमन विश्वकर्मा