आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। वनरपुरा, गहजी स्थित ब्रह्मलीन संत शिरोमणि मौनी बाबा के आश्रम पर धूमधाम के साथ गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया। विभिन्न स्थानों से आये साधु, संतो और भारी संख्या में शिष्यों ने आश्रम में स्थापित महाराज जी प्रतिमा का दर्शन पूजन किया और आश्रम के महंत हरिप्रसाद दास एवं शुभम दास जी से आशीर्वाद लिया।
पं.सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन ने बताया कि बाबा जी चमत्कारी सिद्धियों के स्वामी थे। उन्होंने इसी स्थान पर गर्मी के दिनों में तपती दुपहरी में अग्नि धुनी रमाकर और सर्दी के मौसम में रात्रि के समय तालाब में खड़े होकर घोर तपस्या करते हुए प्रभु श्रीराम से साक्षात्कार कर सिद्धि प्राप्त की और अपने सिद्धियों से लोगों का कल्याण करते रहे। श्री महाराज जी का गुरुतत्व शिष्यों की रक्षा करता है, यहां आकर लोगो की मन्नते पूरी होती है, ऐसा भक्तों का विश्वास है।
शेरपुर कुटी में सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने बाबा कोल्हूनाथ का दर्शन पूजन कर महामंडलेश्वर स्वामी रामकृष्ण दास से आशीर्वाद प्राप्त किया। महंत रामकृष्ण दास ने कहा कि आज ही के दिन वेदो का विभाजन करने वाले और पुराणों की रचना करने वाले व्यास जी का अवतरण हुआ। इसी दिन उन्होंने अपने शिष्यों को श्रीमद्भागवत सुनाना प्रारम्भ किया और उनके पांच शिष्यों ने उनकी पूजा की, तभी से इस दिन गुरूपूजन की परंपरा है। इस मौके पर मंगल दास जी महाराज, संजय पाण्डेय, शम्भू दास रणधीर सिंह, प्रेम नारायण सिंह, दिनेश जायसवाल, रमाकांत चौबे, यशवंत यादव, तारकेश्वर सिंह, रजनीकांत तिवारी आदि उपस्थित. रहे। अन्त में भंडारा का प्रसाद ग्रहण किये।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार