आजमगढ़। नगर के ब्रह्मस्थान-करतालपुर स्थित राम जानकी शिव दुर्गा मंदिर में गुरु पूर्णिमा पर्व हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। सर्वप्रथम लोगों ने गुरू पूजन कर उनका आशीष प्राप्त करते हुए नमन किया।
श्री श्री 1008 स्वामी रामकृष्ण दास जी महाराज ने कहा कि जो अपने तेज के प्रकाश से सामने वाले के अज्ञान के अंधकार को दूर कर सके, वहीं सद्गुरु है। दत्तात्रेय जी ने तो 24 गुरू बनाए थे क्योंकि उनमें सीखने का भाव था और उन्होंने जिससे भी सीखा उसे गुरु मान लिया। स्वामी जी ने कहा कि गुरू पूर्णिमा अपने अंदर गुरू के प्रभाव को आत्मसात करने के लिए भाव उत्पन्न करने का दिन होता है। पं. सुभाष चंद्र तिवारी कुंदन ने कहा कि इस दिन आदिगुरु भगवान शिव ने अपने शिष्यों को ज्ञान दिया था, महान गुरु व्यास का जन्म इसी दिन हुआ। उन्होंने बताया कि गौतम बुद्ध ने गुरु पूर्णिमा को ही धर्म चक्र प्रवर्तन किया था। पं. सुधीर चंद्र त्रिपाठी ने अपने संगीतमयी प्रवचन से लोगो को मंत्रमुग्ध किया। इस मौके पर शम्भूदास जी महाराज, संजय कुमार पाण्डेय, मनोज शुक्ला, राजनाथ सिंह, राम अवतार सिंह, ब्रह्मदेव सिंह, पंचदेव सिंह, अरुण पांडे, डॉ.उमा यादव आदि मौजूद रही।