आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। हाईकोर्ट के आदेश के बाद और मुख्यमंत्री से मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसडीएम सदर के झूठे आश्वासन से सिक्ख समाज में रोष है। किसी गुरुद्वारे में गुरु गोविंद सिंह जयंती पर न तो शोभा यात्रा निकाली गई ना ही कोई विशेष कार्यक्रम हुआ।
श्री सुंदर गुरुद्वारे पर जहाँ हर वर्ष एक भव्य शोभायात्रा एवं प्रभातफेरी निकाली जाती थी एवं लंगर प्रसाद वितरण किया जाता था। इस वर्ष गुरुद्वारे में सहज पाठ की समाप्ति के बाद कड़ाह प्रसाद का वितरण किया गया।
गुरुद्वारा विट्ठल घाट सदर जहां पर अपनी पहली उदासी यात्रा में गुरु नानक जी के चरण पड़े थे उस ऐतिहासिक स्थान की जमीनों को कुछ अवांछनीय तत्वों द्वारा कब्जा कर लिया गया है जिनके विरुद्ध सक्षम न्यायालयों से आदेश पारित हो चुका है और उस स्थान से उनकी अवैध कब्जे को खाली करने के लिए भी आदेशित हो चुका है इसी क्रम में 25 नवम्बर को तहसील प्रशासन के नासमझी के कारण मौके पर पुलिस की मौजूदगी ना होने से भू माफिया द्वारा सिख संगतो से जहा झड़प किया गया तथा सिख कौम के प्रतीक चिन्हों से भी बेअदबी की गई। जिससे सिख कौम ने गुरु तेग़ बहादुर जी का शहीदी दिवस 24 नवम्बर, 27 नवम्बर को गुरु नानक जयंती तथा 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस का कोई भी आयोजन पूरे जनपद के किसी गुरुद्वारे में नहीं किया था तथा आज इसी सिलसिले में आज गुरु गोविंद सिंह जयंती का कार्यक्रम गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार बिठ्ठलघाट, गुरुद्वारा चरण पादुका साहिब निजामाबाद तथा श्री सुंदर गुरुद्वारा मातबरगंज में सादगी से मनाया। जब तक की प्रशासन गुरुद्वारे की भूमि से अवैध कब्जे को खाली नहीं करा देगी सिख समाज का शांतिपूर्ण विरोध ऐसे ही चलता रहेगा।इस सिलसिले में माननीय माननीय मुख्यमंत्री जी से मिलकर उनको भी अवगत कराया गया है तथा प्रधानमंत्री, प्रमुख सचिव को भी पत्रक भेजे जा चुके है। सिख समाज ने एकजुट होकर कहा है कि आजमगढ़ जिला प्रशासन यदि इस बात को गंभीरता से नहीं लेगा तो जहां भी गुरु नाम लेवा सिख संगते हैं हर जगह आने वाले चुनाव में सिख समाज अपने संवैधानिक अधिकार नोटा पर वोट करके विरोध किया जाएगा।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार