आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विधानपरिषद सदस्य व मुबारकपुर के पूर्व विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने सदन में बिजली के निजीकरण का मुद्दा उठाया। कहा कि किसानों, कर्मचारियों और बुनकरों विश्वास में लिए बिना इस तरह की कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक प्रदेश में पांच डिस्काउन हैं और उसमें से दो पूर्वांचल और दक्षिणांचल को निजी हाथों में देने की बात हो रही है। पहले भी इस तरह की बातें आई थीं। तब बिजली कर्मचारी सड़कों पर आ गए थे। उस वक्त के मंत्री के साथ बैठक में समझौता हुआ कि इस वक्त की व्यवस्था में सुधार किया जाएगा और इसका निजीकरण नहीं किया जाएगा। उसके बाद 6 अक्टूबर 2020 को कैबिनेट ने एक सब कमेटी बनाई, जिसकी अध्यक्षता फाइनेंस मिनिस्टर करते हैं।
अब दिक्कत यह है कि उसके बाद फिर दोबारा बात होने लगी कि हम पूर्वांचल और दक्षिणांचल का निजीकरण करेंगे। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि बिना कर्मचारियों और किसानों को विश्वास में लिए कोई निर्णय न लिया जाए, वरना बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि मैं मुबारकपुर से 10 साल विधायक रहा हूं। वहां एक लाख बुनकर की आबादी हैै पहले मुलायम सिंह की सरकार थी तो 65 रुपये में बिजली सब्सिडी मिलती थी, जो अब खत्म हो गई। यह बहुत बड़ा मामला है इसलिए बहुत गंभीरता से हर पहलू पर विचार करना पड़ेगा। बिजली का मामला प्रदेश की जनता से जुड़ा हुआ है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार