कैंट रेलवे स्टेशन के इस प्लेटफॉर्म पर मालगाड़ी ‘डिरेल’, कई ट्रेनें प्रभावित

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प्लेटफार्म नंबर छह से लेकर नौ तक ट्रेनों का परिचालन आधा घंटे तक बाधित

वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर नौ पर शनिवार को एक मालगाड़ी डिरेल हो गई। उसे पटरी पर लाने के लिए देर रात तक कार्य जारी रहा। इस घटना के कारण प्लेटफार्म नंबर छह से लेकर नौ तक ट्रेनों का परिचालन आधा घंटे तक बाधित रहा। इससे दो एक्सप्रेस ट्रेनों सहित कई मालगाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ।

अन्य प्लेटफार्म से ट्रेनों का आवागमन

ऊंचाहार से धनबाद जा रही मालगाड़ी शाम 4.05 बजे कैंट रेलवे स्टेशन के नौ नंबर प्लेटफार्म से होकर जा रही थी। इसी दौरान मालगाड़ी का आगे से 29वां वैगन पटरी से उतर गया। हादसे की जानकारी होते ही लोको पायलट ने ट्रेन को रोक दिया। रेल महकमे में को इसकी जानकारी होते ही हड़कंप मच गया। आननफानन में प्लेटफार्म नंबर छह, सात, आठ पर भी परिचालन को रोक दिया गया। कोटा पटना एक्सप्रेस को वीरापट्टी, पटना से कोटा जा रही ट्रेन को व्यासनगर में रोक दिया गया। शाम 4:25 बजे के बाद नौ नंबर को छोड़कर अन्य प्लेटफार्म से ट्रेनों का आवागमन शुरू हो गया।

देर रात तक चलता रहा काम

घटना की जानकारी होते ही राहत-बचाव कार्य में रेलवे की आठ टीमें लगा दी गईं। इनमें एसपीएआरटी, इंजीनियरिंग, परिचालन, सिग्नल, कैरेज एंड वैगन, पीडब्लूवाई शामिल रहीं। एडीआरएम लालजी चौधरी, स्टेशन निदेशक गौरव दीक्षित आदि मौके पर पहुंचे और घटना के बाबत जानकारी हासिल किए। नौ नंबर प्लेटफार्म की लाइन से ट्रेनों के परिचालन के लिए देर रात तक कार्य जारी रहा। घटना की जानकारी होने के बाद एडीआरएम लालजी चौधरी भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। इसके लिए संयुक्त टीम गठित की जाएगी। सभी विभागों से रिपोर्ट भी मांग ली गई है। अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।

पोल शिफ्टिंग के दौरान गिरा पोल

प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो जिस समय ट्रेन नौ नंबर प्लेटफार्म पर पहुंची, उसी समय ओएचई पोल के शिफ्टिंग का काम चल रहा था। नए पोल लगाने के बाद कर्मचारी पुराने पोल को हटा रहे थे। मालगाड़ी के आने की जानकारी होने पर कुछ मजदूर रस्सी से पोल को दूसरी ओर खींचकर खड़े थे। इसी बीच मालगाड़ी के आते ही रस्सी पर मजदूरों की पकड़ कमजोर हो गई और पोल रेलवे ट्रैक पर गिर गया। पोल गिरते ही मालगाड़ी का वैगन नंबर 29 डिरेल हो गया। डिरेल होने के बाद भी मालगाड़ी 80 मीटर तक आगे बढ़ती रही। इस वजह से प्लेटफार्म पर लगे कई वाटर हाईड्रेंट भी टूट गए। इस दौरान तेज आवाज हुआ और प्लेटफार्मों पर बैठे रेल यात्री सहम गए। मालगाड़ी के डिरेल होने की जानकारी हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली।

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