रमना प्लांट का ट्रायल सफल, अब प्रतिदिन बनेगा 200 टन कोयला, नवम्बर से होगी शुरुआत
वाराणसी। जिले में अब प्रतिदिन 600 टन सॉलिड वेस्ट से 200 टन कोयला बनाया जाएगा। यह काम नवंबर में शुरू होगा। रमना स्थित 200 करोड़ की लागत से बने और 16 एकड़ में फैले प्लांट में कचरा डिपोजिट किया जाएगा। यह सॉलिड वेस्ट के रूप में होगा, जिसे कि वहां पर वाराणसी म्यूनिस्पल कारपोरेशन द्वारा डम्प किया जाएगा। उस कचरे को कोयला बनाया जाएगा। यह प्लांट और प्रोजेक्ट एनटीपीसी द्वारा चलाया जा रहा है। जिसका नाम है ‘वाराणसी हरित कोयला परियोजना’। सरकार ने इस महारत्न कंपनी को फ्री में जमीन उपलब्ध कराई है। दावा यह भी है कि यह मॉडर्न प्लांट कचरों का ऐसे प्रॉसेस करेगा कि न तो प्रदूषण फैलेगा और न ही बदबू करेगा।
अक्टूबर, 2022 में भी हुआ था ट्रायल
जानकारी के अनुसार, रमना स्थित इस प्लांट पर चार-सात फरवरी के बीच दूसरा ट्रायल हुआ है। पूरे 72 घंटे में 200 टन कूड़े से 70 टन कोयला बनाने में सफलता मिली है। इसके बाद योगी सरकार ने इस प्लांट के संचालन को हरी झंडी दे दी है। हालांकि, तकनीक के सफल परीक्षण के बाद प्लांट से निकले चारकोल को लैब में परीक्षण के लिए भेजा गया है। लैब टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद कोयले की क्वालिटी भी पता लग सकेगी। इससे पहले अक्टूबर, 2022 में भी एक ट्रायल हुआ था। लगभग छह टन कचरे से तीन टन कोयला बना था। प्लांट को डिजाइन करने और इसे बनाने वाली कंपनी मैकाबर बीके नोएडा के एक अधिकारी ने बताया कि प्लांट के दूसरे परीक्षण में 50 कर्मचारी दिन-रात लगे थे। अब जल्दी ही इस प्लांट से बनने वाले कोयले से बिजली बनाकर वाराणसी के घरों में सप्लाई की जाएगी।
रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
वाराणसी के अधिशासी अभियंता ने बताया कि आधुनिक तरीके से बने प्लांट से कूड़े की दुर्गंध नहीं आएगी। किसी भी प्रकार की विषैली गैस नहीं निकलेगी। वाराणसी म्यूनिस्पल कारपोरेशन द्वारा एनटीपीसी को सॉलिड वेस्ट उपलब्ध कराया जाएगा। इसी से कोयला बनेगा। इस प्रोजेक्ट में कुल तीन यूनिट होगी। इसमे एक यूनिट स्टैंडबाई में रहेगा। इस प्लांट के शुरू होने से करीब 50 लोगों को रोजगार, जबकि इंडायरेक्टली सैकड़ों लोगों के हाथ में कुछ-न-कुछ काम आएगा।