आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। कृषि विज्ञान केन्द्र लेदौरा पर बागवानों के पांच दिवसीय प्रशिक्षण में वैज्ञानिकों ने अधिक पैदावार के बारे में तकनीकी जानकारी दी। बताया कि फसल की तोड़ाई के बाद अगर कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए, तो आम का उत्पादन बढ़ सकता है। प्रशिक्षण लेने वाले 20 किसानों को धान का बीज प्रजाति शियाट्स-4 का भी निःशुल्क वितरण किया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष डा. एलसी वर्मा ने बताया कि आम के फलों की तोड़ाई के बाद ज़रूरी है रोग और कीड़ों से बचाव की व्यवस्था की जाए। आमतौर पर ज्यादातर किसान बागों पर ध्यान नहीं देते, जबकि यही दो-तीन महीने आगे की पैदावार के लिए सबसे ज़रूरी होते हैं। फलों की तुड़ाई के बाद कटाई-छंटाई है ज़रूरी है।
उद्यान वैज्ञानिक उमेश कुमार ने बताया कि फलों की तोड़ाई के बाद बाग की अच्छी तरह से जोताई करनी चाहिए। रोगग्रस्त, सूखी टहनियों की कटाई-छंटाई करें और संभव हो तो पेड़ का आकार छाते जैसा रखें। पेड़ की कुछ डालियों को काट कर इस तरह से बनाए की सूर्य की किरणें समान रूप से सभी टहनियों पर पड़े और बाग में जमीन तक पहुंचे।
फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा. महेंद्र प्रताप ने बताया कि लगभग 30 से 35 डिग्री का तापक्रम और 80 प्रतिशत से अधिक नमी अधिकांश रोग और कीटों के लिए अनुकूल वातावरण बनाता है। कटाई-छंटाई करने से अधिक मंजर भी आते है और बाग से रोग और कीटों की संख्या में भी भारी कमी आती है।
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फल की तोड़ाई के बाद इस तरह करें खाद और उर्वरकों का प्रयोग
आजमगढ़। प्रक्षेत्र प्रबंधक वेद प्रकाश ने बताया कि फलों की तोड़ाई के बाद बागवानों के सामने यह सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि वयस्क आम के पेड़ में कितना खाद और उर्वरक डालना चाहिए। पादप प्रजनन वैज्ञानिक डा. अखिलेश यादव ने बताया कि 10 वर्ष या 10 वर्ष से बड़े आम के पेड़ों के लिए 500 ग्राम नाइट्रोजन, 250 ग्राम फास्फोरस और 500 ग्राम पोटैशियम तत्व के रूप में प्रति पेड़ देना चाहिए। इसके लिए यदि हम लगभग 550 ग्राम डाई अमोनियम फास्फेट, 850 ग्राम यूरिया और 750 ग्राम म्यूरेट आफ पोटाश प्रति पेड़ देते हैं, तो पोषक तत्व की मात्रा पूरी हो जाती है। इसके साथ 20-25 किग्रा खूब अच्छी तरह से सड़ी गोबर या कम्पोस्ट खाद भी देना चाहिए। यह डोज 10 साल या 10 साल के ऊपर के पेड़ के लिए है। अगर उपरोक्त खाद और उर्वरकों की मात्रा को जब हम 10 से भाग दे देते हैं और जो आता है वह एक साल के पेड़ के लिए है। एक साल के पेड़ के डोज में पेड़ की उम्र से गुणा करें, वही डोज पेड़ को देना चाहिए। इस तरह से खाद और उर्वरकों की मात्रा को निर्धारित किया जाता है।
रिपोर्ट-सुबास लाल