मेरे सरगम को अपने स्वर दे जरा……

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। उत्तर प्रदेश साहित्य सभा के तत्वाधान में नगर स्थित एक होटल सभागार में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता वरिष्ठ कवि सभा के संरक्षक प्रभु नारायण पांडेय प्रेमी ने किया। तत्पश्चात सभा के संयोजक साहित्यकार संजय कुमार पांडेय ने मुख्य अतिथि जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन जय प्रकाश पांडेय एवं विशिष्ट अतिथि श्रम प्रवर्तन अधिकारी शशिकांत पांडेय, पूर्व अधीक्षक डाक विभाग प्रभाकर त्रिपाठी अध्यक्षता कर रहे प्रेमी जी को अंगवस्त्रम व माल्यार्पण कर सम्मानित किया।
काव्य गोष्ठी का प्रारंभ राकेश पांडेय सागर की सरस्वती वंदना से हुआ। कृष्णा आजमगढ़ी ने मेरे सरगम को अपने स्वर दे जरा, गीत यूं ही मिलन के बनाता रहूं। कवि रत्नेश राय ने मां की भावनाओं से परिचित कराया। हास्य व्यंग कवि शैलेंद्र मोहन राय अटपट ने अपनी रचना प्यारे पति सेवक बनो सुबह पिलाओ चाय सुना कर लोगों को गुदगुदाया। अमरीश श्रीवास्तव अंबर ने वर्तमान परिवेश पर अपनी रचना तुमने कई त्योहारों को किया है खराब, तुम्हें क्या शर्म नहीं आती है शराब सुनाया। कार्यक्रम मंे जितेंद्र कुमार नूर, अजय कुमार गुप्ता अज्जू, विजेंद्र श्रीवास्तव करुण, गीतकार राकेश पांडेय ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
गोष्टी के मुख्य अतिथि जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन जय प्रकाश पांडे ने कहा कि कविता मनोरंजन का साधन नहीं है। कवि अपनी कविताओं से समाज में आपसी सद्भाव एवं भाईचारे का संदेश देता है। विशिष्ट अतिथि श्रम प्रवर्तन अधिकारी शशिकांत पांडेय ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है। साहित्य के द्वारा समाज में देश प्रेम भाईचारे की भावना को बढ़ावा मिलता है। ऐसे कार्यक्रम के आयोजन के लिए संयोजक की बधाई दी। इस अवसर पर समाजसेवी कृपा शंकर पाठक, संजीव तिवारी, अनिल विश्वकर्मा, शिव चंद्र विश्वकर्मा, अमरेंद्र राय, विपिन, धर्म प्रसाद यादव, मनोज पांडेय आदि लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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