कार्यशाला में छात्राओं को किया गया जागरुक

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बुधवार को करतालपुर स्थित जीडी ग्लोबल स्कूल में छात्राओं के लिए यौन उत्पीड़न विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का प्रारंभ विद्यालय की निदेशिका स्वाति अग्रवाल, प्रधानाचार्या मोनिका सारस्वत पाण्डेय एवं उपप्रधानाचार्या मधु पाठक ने दीप प्रज्ज्वलन से किया।
कार्यशाला में विद्यालय की शिक्षिकाओं ने अपने-अपने वक्तव्य रखे। यौन उत्पीड़न वैसे अवांछनीय यौन व्यवहार अथवा यौन प्रकृति वाले मौखिक या शारीरिक आचरण को कहते हैं, जिसके परिणामस्वरूप किसी व्यक्ति के काम काज में अनुचित हस्तक्षेप होता है या फिर काम का माहौल भयपूर्ण, शत्रुतापूर्ण या अपमानजनक बन जाता है। वर्तमान समय में यौन उत्पीड़न समाज की एक गंभीर समस्या बन गई है। किसी भी तरह की यौन गतिविधि जिसमें आपकी सहमति न हो, उसको यौन उत्पीड़न कहा जाता है। यह पूर्ण रूप से आपकी इच्छा के विरुद्ध की गई यौन गतिविधि होती है। इसमें आपके साथ किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क बनाए जाने को शामिल किया जाता है। यह न सिर्फ महिलाओं, बल्कि बच्चों और पुरुषों के साथ भी हो सकता है। यौन उत्पीड़न कई प्रकार होते हैं, जिसमें कई तरह की गतिविधियों को शामिल किया जाता है। विद्यालय की प्रधानाचार्या मोनिका सारस्वत पाण्डेय ने बताया कि इसके अंतर्गत धमकाना (साइबर धमकी, पूर्वाग्रह-आधारित और भेदभावपूर्ण बदमाशी सहित) बच्चों के बीच अंतरंग व्यक्तिगत संबंधों में दुर्व्यवहार, शारीरिक शोषण, यौन हिंसा और यौन उत्पीड़न अवांछनीय छवियों की सहमति और गैर-सहमति साझा करना आदि प्रकार की हिंसा सम्मिलित है।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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