आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। धरती पर जिसने जन्म लिया उसे एक न एक दिन जाना ही पड़ता है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनी कार्यशैली से हमेशा जनता के दिलों में हमेशा जिंदा रहते हैं। ऐसे ही लोगों में शामिल थे नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष गिरीश चंद्र श्रीवास्तव। वह चेयरमैन के साथ जनता के हितों की चौकीदारी को अंत तक अपनी जिम्मेदारी समझते रहे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री चंद्रजीत यादव के करीबी लोगों में शामिल गिरीश चंद्र श्रीवास्तव ने 1985 में नगर पालिका परिषद की राजनीति में कदम रखा, तो अपनी कार्यशैली के बल पर 1985 से वर्ष 2000 तक कुर्मीटोला-मातवरगंज वार्ड के सभासद की जिम्मेदारी संभाली। फिर अपने लोगों की सलाह पर वर्ष 2000 में कांग्रेस के सिंबल पर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़े और पहली ही बार में सफलता प्राप्त की। 2006 में कांग्रेस ने सिंबल छीन लिया, तो निर्दल प्रत्याशी के रूप में गैस का चूल्हा चुनाव निशान लेकर मैदान में उतरे और अध्यक्ष पद की दूसरी पारी शुरू की। उनकी लोकप्रियता से परेशान कुछ लोगों ने उनका विरोध शुरू कर दिया, तो उन्हें ऐसा सदमा लगा कि बीमार हो गए और 12 जून को उन्होंने दुनिया को अलविदा कर दिया।
गिरीश के करीबी वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’ बताते हैं कि उन्होंने खुद को कभी चेयरमैन की कुर्सी तक सीमित नहीं रखा। नवरात्र हो या फिर रमजान का महीना, खुद भोर में उठकर सभी नलकूपों पर पहुंचकर जलापूर्ति सुनिश्चित कराते थे। होली, दीपावली से लेकर ईद और बकरीद आदि त्योहारों पर स्वयं की निगरानी में नगर की सफाई सुनिश्चित कराते थे। गिरीश के पुत्र प्रणीत श्रीवास्तव ‘हनी’ ने बताया कि इस बार कुर्मी टोला स्थित आवास के सामने मैदान में 14वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा के साथ शाम छह बजे से भगवती जागरण का भी आयोजन किया जाएगा।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार