रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। आजमगढ़ शहर के घरो से निकलने वाला कूडा डंप स्थल लोगो के लिए मुसीबत बन गया है। मंगलवार को कूडे मे आग लगाने से निकलने वाले धूएं से एक किमी की आबादी को सांस लेना दूभर हो गया। आनन फानन मे सूचना पर फायर बिग्रेड टीम पहुची और आग को बूझाया। इसे लेकर लोगो मे रोष है।
रानीकीसराय व्लाक क्षेत्र के मझगावा गाव के दक्षिणी भाग मे खाली पडी तकरीबन दो एकड भूमि को कूडा डंपिंग ग्राउंड बनाया गया है।इसी डंपिंग ग्राउंड पर शहर से निकलने वाला प्रतिदिन पचास टन कूडा गिराया जाता है।परंतु कूडा निस्तारण के लिए कोई ठोस पहल नहीं हो सकी।छ वर्ष से आस पास के ग्रामीण जलालत झेल रहे है। सोमवार की रात कूडे के ढेर मे आग लग गयी।मंगलवार सुबह यह दशा हो गयी कि पास के चकखैरुल्लाह.कोठिया.कोटवा.सहीदवारा तक धूएं पहुचने लगे।प्रदूषित धूआ भीषण गर्मी मे लोगो के लिए सांस लेना दूभर हो गया।आनन फानन मे सूचना फायर बिग्रेड टीम को दी। मौके पर पहुची टीम ने आग बुझाया।
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कागजो में ही सर्वे
रानीकीसराय आजमगढ़। कूडा डंप के निस्तारण के लिए नगरपालिका परिषद ने शासन को पत्र लिखता रहा है लेकिन 2018 से आज तक निस्तारण नही हुआ। शहर से पचास टन प्रतिदिन निकलने वाले कूडे को यहा डंप किया जाता हैं। हाल ही मे सर्वे टीम शासन से आई लेकिन कागजो मे ही निस्तारण हो गया।
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आस पास के चार गावो को झेलना पड़ता है कूड़े का दंश
रानीकीसराय आजमगढ़। कूडा डंप का शुरू मे ही ग्रामीणों ने विरोध किया था। जहा कूडा डंप होता है सटी हुई घरो की आबादी है। ऐसे मे कूडे के ढेर के चलते प्रदूषण सहन करना पडता है। ग्रामीण चकखैरुल्लाह निवासी राममिलन का कहना है कि कूडा डंप करने के बाद विभाग शांत हो जाता है।जबकि समय से उसके जलाने और सुरक्षित करने का प्रबंध रहता तो इतनी समस्या नही झेलनी पड़ती। वहीं लालबहादुर चौहान ने बताया कि मझगावा मे फेके जा रहे कूडे का दंश आस पास के चार गावो को झेलना पड़ता है।इसके प्रदूषण से पूरी आबादी प्रभावित है।विभाग आज तक प्रबंध नही कर सका। कोठिया निवासी रिषभ पांडे ने कहा कि कूडा डंपिग से वारिस और गर्मी दोनो मौसम मे परेशानी झेलनी पडती है।गाडियां शहर से आ कर गिरा कर चली जाती है।जब ग्रामीण आवाज लगाते है तो उसे जलाकर चले जाते है। विभाग की मनमानी से ही परेशानी है।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा