14 मार्च से विद्युत कर्मी करेंगे 72 घंटे का सांकेतिक हड़ताल

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। समझौता लागू करो-जन जागरण कार्यक्रम के सातवें दिन संघर्ष समिति की हुई सभा में आजमगढ़ क्षेत्र के सैकड़ों बिजली कर्मियों और निविदा एवं संविदा कर्मियों ने प्रतिभाग किया। वक्ताओं ने कहा कि 3 दिसबंर 2022 को हुए समझौते का क्रियान्वयन न होने तथा उत्पादन निगम और पारेषण में बड़े पैमाने पर निजीकरण का निर्णय लिये जाने के विरोध में हड़ताल की तैयारी तेज करने का निर्णय लिया गया। 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल के पहले 14 मार्च को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपद, परियोजना मुख्यालयों पर शान्तिपूर्वक मशाल जुलूस निकाले जायेंगे। 20 फरवरी से प्रारम्भ हुए जन-जागरण अभियान के अन्तर्गत डिस्कॉम मुख्यालयों पर रैली के कार्यक्रम के क्रम में 3 मार्च को वाराणसी मुख्यालय में होने वाली विशाल रैली में आजमगढ़ क्षेत्र के बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता एवं निविदा, संविदा कर्मी सैकड़ों की संख्या में प्रतिभाग करेंगे।
वक्ताओं ने कहा कि 3 दिसम्बर के समझौते का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय, ओबरा व अनपरा में स्थापित की जा रही नई बिजली परियोजनायें उत्पादन निगम को दी जायें, पारेषण के नये बनने वाले सभी विद्युत उपकेन्द्रों एवं लाइनों का कार्य यूपी पावर ट्रांस्को को दिया जाय, वर्ष 2000 के बाद में सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन की व्यवस्था लागू की जाय और बिजली निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लि. का गठन किया जाय। इ. जगदीश पटेल सतवीर सिंह, चंद्र भूषण उपाध्याय ने बताया कि विगत 3 दिसम्बर को ऊर्जा मंत्री, उप्र सरकार एवं मुख्यमंत्री, उप्र सरकार के सलाहकार अवनीश अवस्थी के साथ हुए लिखित समझौते के प्रति ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन के नकारात्मक रवैये और उत्पादन निगम तथा पारेषण में बड़े पैमाने पर निजीकरण किये जाने के फैसले से बिजली कर्मियों में भारी रोष व्याप्त है। बैठक में मुन्नवर अली राज नारायन सिंह धरमू प्रसाद यादव संदीप प्रजापति आशुतोष यादव नीरज त्रिपाठी राम अवध यादव अखिल पाण्डेय आदि उपस्थित थे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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