आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। विवाहिता की हत्या के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने आरोपी पति को पत्नी को आत्महत्या करने के लिए उकसावे का दोषी पाया। अदालत ने आरोपी पति को पांच वर्ष के सश्रम कारावास तथा साढ़े पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 6 संतोष कुमार यादव ने शुक्रवार को दिया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा शिवचंद कनौजिया निवासी मुंशीपुरा, थाना कोतवाली, जनपद मऊ की पुत्री रेनू की शादी जनार्दन उर्फ माठू कनौजिया निवासी ग्राम ढकवा, थाना मुबारकपुर के साथ मई 2003 में हुई थी। वादी शिवचंद ने अपने दामाद जनार्दन की नौकरी नगर पालिका मऊ में बतौर सफाई कर्मी लगवा दी थी। जनार्दन अपनी पत्नी रेनू के साथ वादी के मोहल्ले में ही रहता था। जनार्दन आए दिन रेनू को मारता-पीटता रहता था। जनार्दन 24 अगस्त 2016 को अपनी पत्नी रेनू को लेकर अपने पैतृक गांव ढकवा, थाना मुबारकपुर आ गया। उसी दिन ग्यारह बजे शिवचंद को सूचना मिली कि रेनू की मौत हो गई है। शिवचंद ने थाना मुबारकपुर में अपनी पुत्री की जहर देकर हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद आरोपी पति जनार्दन के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता श्रीश कुमार चौहान ने कुल छह गवाहों को न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पति जनार्दन को रेनू को जहर पीकर आत्महत्या करने के लिए उकसाने का दोषी पाया। अदालत ने जनार्दन को पांच वर्ष के सश्रम कारावास तथा साढ़े पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
रिपोर्ट-सुबास लाल