फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। वर्षा ऋतु के शुरुवात में वर्षा होने के कारण अगता धान की नर्सरी तैयार करने वाले किसान धान की रोपाई करना शुरु कर दिए थे। परंतु नहरों में पानी न आने और ऊपर से डीजल की मंहगाई और विद्युत दुर्व्यवस्था ने किसानांे की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
धान की फसल के लिए उपयुक्त भूमि में जलजमाव के कारण कुछ किसान चिंतित इस बात से थे कि जल निकासी नहीं होगी तो रोपाई करने के बाद फसल गल जाएगी। पर वर्तमान में अगाता रोपाई कराने वाले किसान सहित पिछली पिछड़ी रोपाई करने वाले किसान दोनो एक सामान हो गए। वर्षा न होने के कारण सभी के खेत में पानी नहीं रह गया है। सभी किसान आज खेतो में पानी चलाने की जुगत में लग गए हैं। पर नहर में पानी नहीं विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था दयनीय हो गई है। वहीं डीजल इंजन से पानी भरना काफी महगा होगा। गरीब किसान बदहाल सा हो गया है। क्षेत्र के किसान रामराज पाल, अशोक, दिनेश, प्रमोद, अतवारू, सोचन आदि ने बताया कि विद्युत मोटर से सिंचाई करने के लिए कई दिन लग जा रहा है। ऊपर से रात में भरो सुबह फिर पानी खेत से गायब हो जाता है। एक बीघा धान की सिंचाई में चार से पांच लीटर डीजल लग जाता है। साढ़े तीन सौ रुपया मजदूर को देना पड़ता है। एक बार की सिंचाई में सात से साढ़े सात सौ रुपया खर्च हो जाता है। गर्मी का आलम इसी तरह रहा और वर्षा नहीं हुई तो तीन से चार बार सिंचाई करनी पड़ेगी और पैदावार की कोई गारंटी नहीं।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय