मार्टिनगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। धान की रोपाई के बाद किसानों को उसमें यूरिया का छिड़काव करना है लेकिन जरूरत के समय साधन सहकारी समितियांे से प्राप्त नहीं हो रही है। इसके कारण अन्नदाता कहा जाने वाला किसान बाजार में भटक रहा है और ऊंचे दाम पर खरीद कर अपना काम चल रहा है। किसानों को हर सीजन में समय से उपलब्ध कराने के लिए तहसील क्षेत्र में दो दर्जन से ज्यादा साधन सहकारी समितियां स्थापित की गई हैं। परंतु इन समितियों से काम के समय उर्वरक गायब है।
साधन सहकारी समितियां तहसील क्षेत्र में शायद ही आधा दर्जन सक्रिय हो उसके बाद भी स्थिति यह है कि किसान उर्वरक के लिए ऊंचे दाम खर्च करके अपनी खेती कर रहा है। लेकिन उसकी क्वालिटी क्या है यह तो भगवान के भरोसे है। समितियों पर लोगों का विश्वास होता था कि जो भी चीज मिलेगी उर्वरक या बीज ठीक मिलेगा। लेकिन स्थिति यह है कि यदि उन्हें गेहूं और धान बेचना है उसके लिए भी परेशान होना पड़ता है लंबी लाइन लगानी पड़ती है और उर्वरक लेने के लिए भी काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
क्षेत्र के किसान शिवकुमार प्रजापति, हरिप्रसाद प्रजापति, फूलचंद सरोज, शिव शंकर तिवारी, जीतन सरोज, बंसराज कनौजिया, राजेंद्र प्रसाद, रामलाल यादव, मुन्ना ने जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए समितियों पर उर्वरक उपलब्ध कराने की मांग की है।
रिपोर्ट-अद्याप्रसाद तिवारी