आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद स्तरीय मानीटरिंग समिति की बैठक हुई। जिलाधिकारी द्वारा केंद्र सरकार की योजनाएं, 10,000 नए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन और संवर्धन“ तथा “कृषि अवस्थापना निधि“ की समीक्षा की गयी।
जिलाधिकारी ने सीबीबीओ पूर्वांचल ग्रामीण सेवा समिति और नेशनल एग्रो फाउंडेशन के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने सभी किसान उत्पादक संगठनो को सलाह दिया कि मार्केटिंग टाई-अप का प्रयास करें, ताकि व्यापार को और बड़े पैमाने से किया जा सके। इसके अलावा, एफपीओ सदस्यता अभियान चलाएं, शेयर पूंजी बढ़ाएं और ऋण के लिए बैंकों से संपर्क करें। उन्होंने निर्देश दिया कि एफपीओ वैज्ञानिक तरीके से अपना बिज़नेस प्लान तैयार करें और इसे जमीनी स्तर पर लागू करें। कृषि विभाग बड़े पैमाने पर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाये और कृषि विज्ञान केंद्र भी एफपीओ की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए एफपीओ द्वारा वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मदद करे। उन्होंने सभी विभागों को कृषि अधोसंरचना कोष को बढ़ावा देने और पात्र प्रस्तावों को जुटाने के भी निर्देश दिए।
उप कृषि निदेशक मुकेश कुमार ने राज्य सरकार की आत्मनिर्भर कृषक संभावित विकास योजना की जानकारी सदन को दी। जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड ने समिति को ’कृषि अवस्थापना निधि’ योजना की विशेषताएं बताते हुए जनपद में ऋण आवेदनों की स्थिति के बारे में बताया। जिलाधिकारी द्वारा विकास खण्डों में किसान उत्पादक संगठनों के निदेशक और सीईओ को पंजीयन प्रमाण पत्र सौंपा गया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार