सरसों का मुफ्त बीज पाकर चहके किसान

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, लेदौरा पर गुरुवार को सीएफएलडी आयल सीड योजना के अंतर्गत सरसों के बीज का वितरण ग्राम गद्दोपुर एवं चकिया पलथी, विकास खंड फूलपुर में किया गया। मुफ्त में उन्नतशील बीज पाकर किसान चहक उठे। 140 किसानों को 112 किलोग्राम बीज का वितरण किया गया।
कृषि विज्ञान केंद्र, लेदौरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा.एलसी वर्मा ने बताया कि जनपद में तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें सरसों की उन्नतसशील प्रजाति आजाद महक का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। अनिल नारायन सिंह, आलोक सिंह, विजय कुमार, राम विलास, मनोज, राम बदन, सीता राम, सहित कुल 140 किसान लाभान्वित हुए।
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अधिक उपज देने वाले किस्म का है बीज

आजमगढ़। कृषि विज्ञान केंद्र, लेदौरा के वैज्ञानिक डा. शेर सिंह ने बताया कि यह अधिक उपज देने वाली किस्म है इसमें प्रति पौधे फली भी अधिक संख्या में तैयार होती है। यह 145 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसका बीज बड़ा होता है तथा इसमें 40 प्रतिशत तेल निकलता है। इसकी पैदावार लगभग 10 से 11 कुंतल प्रति एकड़ है।
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खेत की कैसे करें तैयारी

आजमगढ़। खेत की तैयारी के समय खेत में 120 किलोग्राम नत्रजन, 40 किलोग्राम फास्फोरस तथा 40 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता पड़ती है। फास्फोरस का प्रयोग सिंगल सुपर फास्फेट के रूप में बेहतर होता है। यदि एसएसपी का प्रयोग नहीं किया गया है तो बेहतर उपज के लिए प्रति हेक्टेयर 40 किलोग्राम सल्फर अलग से डाला जाना चाहिए।
वैज्ञानिक डा. महेंद्र प्रताप गौतम ने बताया कि खेत में बीज डालने से पूर्व मृदा की जांच कराना आवश्यक होता है जिससे मृदा में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की सही जानकारी हो सके और उसे कितनी मात्रा में किस पोषक तत्व को मिलाया जाना है यह पता होना चाहिए। प्रक्षेत्र प्रबंधक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि बीज बोने से पहले उसका शोधन अवश्य करें। इसके लिए थीरम या बाविस्टिन 2-2.5 ग्राम की मात्रा प्रति किलोग्राम बीज के लिए पर्याप्त होती है।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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