लालगंज आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय क्षेत्र में मंगलवार की रात हुई बे-मौसम बारिश ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया। अचानक हुई मूसलाधार बारिश और तेज़ हवा ने खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल को बुरी तरह नुकसान पहुंचाया। कई जगहों पर फसल गिरकर पानी में डूब गई, जिससे दाने के सड़ने का खतरा बढ़ गया है।
किसानों के अनुसार फसल कटाई के बिल्कुल करीब थी, ऐसे में इस बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। देवगांव क्षेत्र के किसानों ने बताया कि बड़ी उम्मीदों से फसल तैयार की गई थी, लेकिन अब हुए नुकसान से लागत निकलना भी मुश्किल लग रहा है।
जानकारों का कहना है कि बे-मौसम बारिश से धान की उपज पर गहरा असर पड़ेगा। अगर आने वाले कुछ दिनों में मौसम साफ नहीं हुआ, तो नुकसान और बढ़ सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस स्थिति का असर न केवल किसानों पर बल्कि मंडियों में धान और चावल की कीमतों पर भी पड़ेगा, जिससे आम उपभोक्ताओं को महंगाई का सामना करना पड़ सकता है।
क्षेत्र के किसानों में इस नुकसान को लेकर गहरी निराशा देखी जा रही है। किसानों का कहना है कि इसी फसल के सहारे वे कर्ज चुकाने और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व घर के खर्च पूरे करने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन अगर मौसम ऐसा ही रहा तो उनके सारे अरमान पानी में बह जाएंगे।
मार्टिनगंज प्रतिनिधि के अनुसार मौसम के बदलते रूप को देखकर किसान भयभीत हो गए हैं। धान की फसल खेतों में तैयार होने के करीब है। कुछ किसानों के धान काट कर खेत में पड़े हुए हैं। ऐसे में इंद्र भगवान की यह कृपा काफी परेशान कर रही है। क्षेत्र के लोग इस समय परेशान हैं उनके समक्ष भविष्य का संकट खड़ा है। कुछ लोग हाथ से धान काट कर खेत में छोड़े हैं वहीं कुछ लोग हार्वेस्टर से धान कटवा रहे हैं। धान सूखने के लिए मौसम नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते किसानों के माथे पर चिंता की लकीर स्पष्ट दिखाई पड़ रही है। मौसम की बेरुखी से किसानों की नींद हराम हो गई है।
रिपोर्ट-मकसूद अहमद/अद्याप्रसाद तिवारी