परंपरागत खेती छोड़ कर किसान कर रहे सब्जी की खेती

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बूढ़नपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। तहसील क्षेत्र के किसान परंपरागत खेती छोड़कर सब्जी की खेती पर जोर दे रहे हैं। सैकड़ो रुपए खर्च कर लाखों रुपए कमाने का सपना साकार हो रहा है। एकडंगी गांव में किसान सब्जी की खेती पर जोर दे रहे हैं। किसानों का मानना है कि हम छोटे रकबे से भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। किसान सुभाष वर्मा ने बताया कि मेरे द्वारा लगभग एक बीघा गोभी और मटर की खेती की जाती है। गोभी में लगभग अनुमानित लागत 20 हजार तक है, लेकिन मुनाफा लाखों का है। लेकिन छुट्टा पशुओं के चलते परेशानी होती है।
उन्होंने बताया कि नीलगाय का इतना प्रकोप है कि वह बाड़ और तार को तोड़ देती है और सब्जी की खेती चट कर जाती है। किसान उदयभान वर्मा ने बताया कि हमारी पारंपरिक खेती सब्जी है लेकिन जंगली पशुओं के चलते सब्जी की खेती की काफी रखवाली करनी पड़ती है। सब्जी की खेती मुनाफे की तो है लेकिन अगर आवारा पशुओं से बच जाए तब। किसान सहवीर ने बताया कि आलू की फसल एक बीघा लगाया था लेकिन जंगली सुअर फसल चट कर गए। चूहों का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि पूरी फसल खोदकर बर्बाद कर दे रहे हैं। किसान गिरिजेश ने बताया कि बाड़ और झटका मशीन लगाकर खेत में मचान बनाकर किसान फसलों की रखवाली करता है लेकिन आवारा पशुओं द्वारा एक ही झटके में उसके अरमानों पर पानी फेर दिया जाता है। किसानों की आय तभी दुगनी होगी जब छुट्टा पशुओं से किसानों को निजात मिलेगी।
रिपोर्ट-अरविन्द सिंह

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