आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शारदीय नवरात्र के आखिरी दिन दर्शन-पूजन को लेकर लोगों में कुछ ज्यादा ही उत्साह दिखा। किन्हीं कारणों से व्रत न रख पाने वाले भी स्नान के बाद मंदिर पहुंचे और दर्शन-पूजन के बाद क्षमा प्रार्थना की। घर-घर में मां की आराधना के बाद आस्था का नारियल और प्रेम की चुनरी के साथ हलवा-पूड़ी और हवन-पूजन के साथ मां को विदाई दी गई। जिनके घर कलश की स्थापना की गई थी वहां घर और जिनके घर कलश की स्थापना नहीं की गई थी उन्होंने मंदिरों में पहुंचकर हवन कराया। शहर में सर्वाधिक भीड़ चौक स्थित दक्षिणमुखी देवी के दरबार में दिखी। यहां ब्राह्मणों ने संकल्प दिलाने के बाद हवन कराया।
सुबह पांच बजे से ही शहर के दक्षिणमुखी देवी मंदिर में श्रद्धालु एकत्र होने लगे थे। मां की एक झलक पाने की होड़ मची थी। इसी तरह शहर के बड़ादेव मंदिर में भी दोपहर तक श्रद्धालुओं का रेला लगा रहा। यहां हवन कुंड में लोगों ने आहुति डाली। हवन कुंड से उठ रहे धुएं से पूरा वातावरण सुवासित हो उठा। इस दौरान मां का जयकारा गूंजता रहा। उधर ग्रामीण क्षेत्रों में निजामाबाद के शीतला धाम, पाल्हमेश्वरी धाम पर भी श्रद्धालुओं का रेला लगा रहा।
फरिहां प्रतिनिधि के अनुसार ग्रामसभा में स्थित दुर्गा मंदिर में नवरात्रि के आखिरी दिन माता का दर्शन कर लोगों ने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। दुर्गा माता मंदिर उम्मा के पूरा गांव में आरती, भजन- कीर्तन के साथ प्रसाद वितरण किया गया। नवें दिन माता के दरबार में हवन-पूजन किया गया। भजन-कीर्तन में रामभवन भक्त, हरिहर दास, सीताराम, सूरदास, प्रवीण कुमार, अमित, विंध्य आशीष यादव, सुमिरन, प्रेम यादव, लल्लन आदि शामिल रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार