विद्युत चोरी में मुकदमा दर्ज करना पड़ा महंगा

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फूलपुर आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। फूलपुर तहसील क्षेत्र के विद्युत उपकेन्द्र पर नियुक्त 3 अवर अभियंताओं का मुख्य अभियंता द्वारा गैर जनपदों में स्थानांतरण कर दिया गया है। सुदनीपुर के अवर अभियंता की एक फर्जी शिकायत पर स्थानांतरण हुआ है। जबकि अन्य दो अभियंता भी उसी चपेट में आ गए हैं। वहीं अधिशासी अभियंता द्वारा मात्र एक अवर अभियंता को रिलीव किया गया है।

विद्युत विभाग में कर्तव्यनिष्ठा की सजा भुगत रहे जूनियर इंजीनियर (जेई) के साथ अन्याय का मामला सामने आया है। फूलपुर विद्युत वितरण खंड में तैनात जेई के खिलाफ एक आरोपी की फर्जी शिकायत के आधार पर तबादला कर दिया गया। इस घटना ने अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। अवर अभियंता सुदनीपुर द्वारा शिकायतकर्ता के खिलाफ एक लाख रुपये के बकाया के चलते विद्युत चोरी का मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद अधिशासी अभियंता ने अवर अभियंता देवेंद्र सिंह पर कनेक्शन देने के लिए दबाव बनाया। अवर अभियंता द्वारा पेनाल्टी और नो-ड्यूज सर्टिफिकेट की मांग करने पर उनसे रिपोर्ट तलब की गई, जो उनके तबादले का कारण बन गई।
मामले में तीन अभियंताओं मनीष कुमार गौड़ अवर अभियंता फूलपुर का गाजीपुर, अवर अभियंता पवई दीपेश गुप्ता का बुलन्दशहर और देवेंद्र प्रताप सिंह का बलिया जनपदों में एक साथ मुख्य अभियंता द्वारा तबादला किया गया। लेकिन केवल अवर अभियंता देवेंद्र प्रताप सिंह को अधिशासी अभियंता द्वारा रिलीव करना द्वेषपूर्ण रवैये को दर्शाता है। सूत्रों के मुताबिक अवर अभियंता ने बड़े अधिकारियों की गलत बात न मानने और केवल एक शिकायत के आधार पर बिना जांच के तबादला किया जाना, विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों की मनमानी को उजागर करता है। इसके अलावा, आनन-फानन में गद्दोपुर के एक अन्य अभियंता को प्रभार सौंपना भी संदेह के घेरे में है। इस पूरे प्रकरण ने विभागीय कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कर्तव्यनिष्ठ जेई के साथ हुए इस अन्याय की स्थानीय स्तर पर भी चर्चा हो रही है। इस सम्बंध में मुख्य अभियंता विद्युत आज़मगढ़ मण्डल आज़मगढ़ रामबाबू से बात करने का प्रयास किया गया तो फोन रिसिव नही हुआ।
रिपोर्ट-मुन्ना पाण्डेय

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