निजामाबाद आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। करबला में इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत के गम का अय्यामे अजा का आखिरी जुलूस लुटे हुए काफिले की याद में सोमवार को क्षेत्र के शिवली गांव में जुलूसे अमारी निकाला गया। इसमें 18 बनी हाशिम का दुलदुल घोड़ा, पांच ऊंटो पर अमारियां और हजरत अब्बास के अलम की जियारत निकाली गई। इस दौरान लोगों की आंखें नम दिखीं, तो मौलानाओं की तकरीर सुन आंसू बहने लगे।
जुलूस अल सुबह पांच बजे जामा मस्जिद से निकलते ही हजारों लोगांे का हुजूम उमड़ पड़ा। कई स्थानों पर मौलाना शमीमुल हसन, मौलाना उरूज, यासूब अब्बास, मौलाना इरशाद अब्बास, मौलाना नदीम असगर, मौलाना शारिब अब्बास आदि ने तकरीर खिताब किया। जुलुसे अमारी में अंजुमन शाने हैदरी, अंजुमन रौनक इस्लाम, अंजुमन असगरिया, अंजुमन सज्जादिया जलालपुर, अंजुमन हैदरी, अंजुमन सज्जादिया घोसी ने नौहा मातम पेश कर खिराजे अकीदत पेश किया।
दुलदुल, अलम, ताबूत और अमारी पर हजारों ने फूल-माला चढ़ा कर खिराजे अकीदत पेश किया। संचालन मौलाना जिशान आजमी ने किया।
रिपोर्ट-वीरेन्द्रनाथ मिश्र