मौसम के आगे हर कोई हारा, 46 डिग्री तक पहुंचा अधिकतम पारा

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। मौसम की मार के आगे हर कोई हारता नजर आ रहा है। भीषण गर्मी से हर कोई बिलबिला उठा है। न घर में चैन मिल रहा है और न बाहर आराम। सोमवार को अधिकतम पारा 46 डिग्री पहुंचने से अब तक की सबसे अधिक गर्मी महसूस की गई। ऐसे में चिकित्सकों ने ठोस आहार कम करके तरल पदार्थों के सेवन की सलाह दी है।
इस वक्त जरूरी काम से सफर पर निकलने वाले ज्यादा परेशान हैं। कारण कि आसमान के नीचे खड़े वाहन तवे की तरह से तप रहे हैं। चालक हैं कि जब तक सीट से ज्यादा सवारी नहीं भरते, आगे बढ़ने का नाम ही नहीं लेते हैं। ऐसे में यात्री की भी मजबूरी है कि वह वाहन चलने तक उसी में बैठकर उबलता रहे। पछुआ हवा के कारण पूरा झुलस गया। दिन में भोजन करने की हिम्मत नहीं पड़ रही है।
कहीं भी लोगों को सुकून नहीं मिल पा रहा है। पछुआ हवा से राहत नहीं मिल रही है, लेकिन रोजी-रोटी के लिए घरों से बाहर निकलना मजबूरी है। दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा चालकों के सामने समस्या यह कि रोटी के लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं है। आसमान से आग बरसे या पानी, उन्हें मजबूरी में काम करना ही पड़ेगा। गर्मी के कारण दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा के कारण दुकानदार ग्राहकों की राह देख रहे हैं।
रविवार को अधिकतम 45 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम 29 डिग्री सेल्सियस, जबकि सोमवार को अधिकतम 46 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह आठ बजे के बाद ऐसा लग रहा था कि आसमान से आग बरस रही हो। सूर्य की किरणें जलने जैसा अहसास करा रही थीं। धूप में निकलने पर त्वचा पर दाने निकल जा रहे हैं। जिन लोगों को घरों से बाहर निकलना जरूरी है वह साथ में टोपी-गमछा के साथ बोतल में पानी लेना नहीं भूल रहे हैं। कारण कि शहर में प्याऊ की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। शहर के रोडवेज पहुंचने वाले बसों के इंतजार में छाए की तलाश करते रहे। उधर गर्मी से राहत के लिए लोग जगह-जगह लगे पेय पदार्थों की दुकानों पर पहुंचकर नीबू पानी, लस्सी व सत्तू की मांग कर रहे हैं। वहीं पैकेट बंद मट्ठा व लस्सी की मांग बढ़ने से आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
इनसेट–
‘‘तापमान बढ़ने के कारण इस समय डिहाइड्रेशन का खतरा ज्यादा है। शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए ककड़ी, खीरा व खरबूज का अधिक से अधिक सेवन करें, क्योंकि ककड़ी व खीरा में सोडियम पोटैशियम व खरबूज में पोटैशियम ज्यादा होता है।’’
-डा. विनय कुमार सिंह यादव, सीएमएस, जिला महिला चिकित्सालय।
रिपोर्ट-सुबास लाल

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