आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। दुनिया के सबसे महान नर्स के रूप में जानी जाने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्मदिवस हर वर्ष 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नर्सिंग की संस्थापक को दुनिया भर में याद कर उनके पदचिन्हों पर चलने की शपथ ली जाती है।
जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य अधीक्षिक डॉ.अमिता अग्रवाल ने बताया कि फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों की सेवा में लगा दिया था। इसलिए इस विशेष दिन पर फ्लोरेंस नाइटिंगेल को एक महान नर्स के रूप में याद किया जाता है। वह कहती हैं कि नर्स किसी भी मरीज के साथ भेदभाव नहीं करती है। नर्स के लिए हर मरीज खास होता है। नर्सों का यही सेवाभाव उन्हें औरों से अलग बनाता है। सेवाभाव से कार्य करते हुए अपनी अलग पहचान बनाने वाली नर्सेस में शामिल हैं। जिला महिला चिकत्सालय की स्टाफ नर्स छाया पढ़ाई पूरी कर वर्ष 2004 में नर्सिंग प्रशिक्षिण प्राप्त किया। वर्ष 2012 से आज तक आजमगढ़ में लोगों की सेवा में तत्परता से लगी है। इस दौरान उन्हें कई बार चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। छाया ने कहा कि नर्स का काम न सिर्फ सेवाभाव है बल्कि स्नेह, ममता के साथ समझदारी का प्रयोग करना पड़ता है। इससे जांच या इलाज कराने आए मरीजों के जीवन को सुरक्षित किया जा सके।
जिला महिला चिकित्सालय की स्टाफ नर्स चंद्रकला यादव ने बताया कि नर्स कि पढ़ाई 2000 से 2004 तक जिला चिकित्सालय बरेली से हुई। इनकी पहली पोस्टिंग जिला चिकित्सालय प्रतापगढ़ में सन 2006 में हुईद्य एक साल बाद स्थानांतरण जिला चिकित्सालय में सन 2007 में हुआ, तब से अब तक अपनी सेवा संपूर्ण रुप से दे रही हैं। इस सेवा में आने का उद्देश बचपन से ही था। नर्स कि पढ़ाई करने के लिए परिवार ने सहयोग किया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार