आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। नेहरू हाल सभागार में दलित ओबीसी माइनॉरिटी एवं आदिवासी डोमा के तत्वावधान में आयोजित संविधान एवं आरक्षण बचाओ सम्मेलन में पहुंचे डोमा परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद उदित राज ने कहा कि इंडिया गठबंधन की और तमाम संगठनों की मांग थी कि देश में जाति जनगणना की जाए। राहुल गांधी ने इसको पुरजोर तरीके से उठाया था। जिसके लिए संसद में उनकी जाति भी पूछी गई थी। लेकिन इसके बाद भी वह इस बात पर अड़े रहे। अंत में सरकार ने जाति जनगणना कराने का निर्णय लिया है। इसका इंडिया गठबंधन स्वागत करता है। इससे देश का एक प्रकार से एक्सरे होगा।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से एक्स-रे के माध्यम से शरीर में सब कुछ स्पष्ट हो जाता है कि कहां पर कमियां हैं। उसी प्रकार से जाति जनगणना अगर ढंग से हो गई यहां तक कि इंडस्ट्री कॉरपोरेट से लेकर व्यवसाय तक सभी जगह के आंकड़ों को इकट्ठा किया गया तो यह स्पष्ट हो जाएगा की देश में कमी कहां रह गई। कहां पर आगे काम करना है। जाति जनगणना से पता चल जाएगा सरकार से यही कहा जा रहा है कि इसको पारदर्शिता के साथ कराया जाए। इसी के अनुपात में लोगों को भागीदारी मिले। 50 फ़ीसदी के आरक्षण का संविधान में कहीं जिक्र नहीं है। 1962 में बालाजी के केस में सुप्रीम कोर्ट ने निर्धारित किया था। यह संविधान में नहीं है। इसलिए यह खत्म होना चाहिए। डोमा परिसंघ के जिलाध्यक्ष इंजीनियर रामविलास राम ने सभी उपस्थिति लोगो का आभार प्रकट करते हुए अंबेडकर पार्क पहुंचकर डॉक्टर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
रिपोर्ट-सुबास लाल