आजमगढ़ (सृष्टि मीडिया)। सरकार के ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ नारे का महराजगंज विकास खंड कार्यालय के कर्मचारियों पर कोई असर नहीं है। ठीक इसके उलट यहां के अधिकारी व कर्मचारी भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं। इसका उदाहरण विकास खंड के ग्राम पंचायत महवी शेरपुर में देखने को मिला। चुनाव से ठीक पूर्व लागू की गई प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना निजी पशु शेड निर्माण के लाभार्थियों का जमकर आर्थिक शोषण किया गया तथा निर्माण के एक वर्ष बाद भी लाभार्थी भुगतान के लिए विकास खंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।
उक्त गांव के रघुपति राजभर ने बताया कि वर्ष 2020-21 में हमें बकरी शेड निर्माण का लाभ दिलाने के नाम पर ग्राम पंचायत अधिकारी व लिपिक द्वारा दस हजार रुपये सुविधा शुल्क लिया गया। मास्टररोल बनने के बाद हमने उधार मैटेरियल लेकर अप्रैल 2021 में बकरी शेड का निर्माण करा दिया किंतु तब से अब तक निर्माण लागत के भुगतान के लिए विकास खंड का चक्कर लगा रहा हूं। लिपिक द्वारा कहा जाता है कि तुम्हारा मास्टर रोल गायब हो गया है, भुगतान हेतु और बीस हजार देना पड़ेगा। इसी गांव के गुलाब तिवारी की गोशाला भी निर्धारित सुविधा शुल्क देने के बाद स्वीकृत की गई, जो मार्च 2021 में बनकर तैयार हो गई किंतु इन्हें भी निर्माण लागत का अब तक भुगतान नहीं हुआ। गांव के जगदंबा प्रसाद तिवारी ने भी सुविधा शुल्क देकर गौशाला निर्माण की स्वीकृति तो प्राप्त कर लिया तथा मैटेरियल भी गिरा लिया किंतु अभी तक इनकी गोशाला का निर्माण नहीं हुआ है। पैसों की डिमांड की जा रही है। कुल मिलाकर सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया। योजना के लाभार्थी पीड़ितों ने जिलाधिकारी से प्रकरण की जांच करा कर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने तथा निर्माण सामग्री के भुगतान की मांग किया है। इस संबंध में खंड विकास अधिकारी विमला चौधरी ने बताया कि उक्त गांव के मात्र एक व्यक्ति द्वारा मुझसे शिकायत की गई है। यदि किसी कर्मचारी ने पैसा लिया है तो उसके बारे में पता करके कार्यवाही की जाएगी।
रिपोर्ट : राजनरायन मिश्रा