रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय ब्लाक क्षेत्र में आवास के पात्र खाते में धन न आने से राह तक रहे हैं। आवास के चक्कर में जो आशियाना रहने के लिए बनाए थे उसे भी हटा दिया, अब बारिश का भय सता रहा है। पीड़ित ब्लाक का चक्कर काट रहे हैं।
हाल ही में सरकारी आवास पात्रों का चयन कर प्रक्रिया पूरी की गयी। यह दीगर है कि ब्लाक के कितने पात्र इस बार भी सुबिधा से वंचित हो गये। प्लास्टिक के सहारे रहते हैं और दंपति दिब्यांग हैं फिर भी दोनो प्रारुप में सुबिधा से वंचित है। जिनके पात्रता का चयन हो गया वह भी खाते में पैसा न आने से चक्कर काट रहे हैं। सेठवल गांव में दुर्ग विजय का चयन हुआ था। पहली किश्त खाते में आई तो एक ही नाम होने से दूसरे के खाते मंे दोनो के आवास का पैसा आ गया। जद्दोजहद के बाद पैसा फिर वापस गया। पात्र ने फिर दूसरे खाते का कागजात दिया। एक माह बाद भी पहली ही किश्त नहीं पहुंच पाई। ब्लाक पर गुहार लगाई तो पता चला इस समय पैसा आना बंद है। पहली या दूसरी कोई किश्त नहीं आ रही है। कब आयेगी, कहा नहीं जा सकता। इधर पीड़ित का परिवार जिस व्यवस्था में रहता था आवास के चक्कर में उसे भी उजाड़ दिया। अब खुले आसमान में है। पीड़ित ने जिलाधिकारी से गुहार लगाई है।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा