आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बिजली के निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के आह्वान एवं नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीशिटी इम्पलाइज एंड इंजीनियर्स के राष्ट्रीय कमेटी के निर्णय के अनुसार विद्युत कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने कार्यालय समय के बाद शाम पांच बजे के बाद सिधारी हाइडिल कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया।
साथ ही ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ निर्णायक संघर्ष का ऐलान किया। कहा कि उप्र में बिजली व्यवस्था में सबसे ज्यादा सुधार विद्युत कर्मचरियों, अभियन्ताओं के कड़ी मेंहनत से हुआ और लगातार हो रहा है। लेकिन पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन ने अचानक पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के प्रदेश के 42 जनपदों में बिजली वितरण के निजीकरण की घोषणा कर बिजली कर्मियों को उद्वेलित कर दिया है। मुख्यमंत्री से प्रभावी हस्तक्षेप करने की मांग की गई। विरोध प्रदर्शन में प्रभु नारायण पाण्डेय प्रेमी, सैयद मुनव्वर अली, धर्मू राम यादव, राज नारायण सिंह, अभिषेक श्रीवास्तव, नितीश सिंह, अशोक यादव, काशीनाथ गुप्ता, रोशन यादव, नीरज त्रिपाठी, छेदी आदि शामिल थे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार