विद्युत कर्मियों ने निजीकरण का जताया विरोध

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। सिधारी हाइडिल स्थित मुख्य अभियन्ता कार्यालय पर पूर्वाचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम का पीपीपी मॉडल पर किये जा रहे निजीकरण के विरोध में ध्यानाकर्षण किया गया। अभियन्ता दिवस के अवसर पर जनपद के समस्त अभियंताओं, अवर अभियंताओं, टीजी-२ एवं कार्यालय सहायकों ने भारत रत्न डा.मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरैया को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की। देश के उत्थान में उनके अद्वितीय योगदान को याद किया।
वक्ताओं ने कहा कि विद्युत विभाग एक इंजीनियरिंग, तकनीकी कार्य क्षेत्र है, जिसके संचालन की जिम्मेदारी किसी कुशल इंजीनियर द्वारा की जानी चाहिए। चूंकि विद्युत समवर्ती सूची का विषय है इसलिए राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए कि अपने राज्य की जनता के हित में इसे सरकारी नियंत्रण में रखते हुए आवश्यक सुधार कार्यक्रम चलाये। लेकिन इस विभाग की लोक सम्पत्ति को किसी पूंजीपति को निजी क्षेत्र में न सौंपा जाय। अगर विद्युत क्षेत्र निजी पूंजीपतियों को सौंपा जायेगा तो इसका व्यापक दुष्परिणाम हमारे प्रदेश की गरीब जनता, प्रतियोगी छात्रों, युवाओं, किसानों, बुनकरों, व्यापारियों एवं विभागीय कर्मचारियों को भुगतना पड़ेगा। बिजली के निजी क्षेत्र में जाने से बेरोजगारी, एवं महंगाई भी प्रत्यक्ष रूप से बढ़ेगी। जिसका दंश उत्तर प्रदेश की गरीब जनता को झेलना पड़ेगा। पूंजीवादियों के हाथों में विद्युत क्षेत्र में जाने से विद्युत दरों में अप्रत्याशित वृद्धि होगी और लोग महंगी बिजली का उपभोग करने से वंचित होंगे, जिसके कारण उत्तर प्रदेश की आबादी का एक बड़ा वर्ग वापस लालटेन युग में जीने को विवश होगा। अध्यक्षता इं. आकाश गुप्ता एवं संचालन प्रभु नारायण पाण्डेय ‘प्रेमी’ ने किया।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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