आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। बिजली कर्मियों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। शहर से लेकर गांव की तक बिजली न आने से लोगो को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। गुरुवार की रात से बिजली कर्मचारी हड़ताल है। सिधारी हाइडिल पर अपनी मांगों को लेकर बिजली कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी है।
धरने को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर 16 मार्च की रात से शुरू हुई हड़ताल का प्रदेश की बिजली व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा। उत्पादन गृहों की 5 इकाईयाँ ठप हो गयी हैं। पारेषण की कई लाईनें बंद हैं और व्यापक पैमाने पर 33/11 केवी उपकेन्द्रों की आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गयी है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन को हड़ताल के लिए उत्तरदायी ठहराते हुए कहा है कि बिजलीकर्मी ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के सम्मान के लिए लड़ रहे हैं। संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री के द्वारा लगाये गये तोड़-फोड़ के आरोपों का कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा है कि बिजलीकर्मी विद्युत संयंत्रों को अपनी माँ मानते हैं और शांतिपूर्ण ढंग से हड़ताल कर रहे हैं।
बिजलीकर्मियों के ड्यूटी पर न जाने के बाद प्रशासन और प्रबन्धन ने इवनिंग शिफ्ट के कर्मचारियों को सभी बिजलीघरों में बंधक बना लिया और उनसे जबरन 17 घण्टे लगातार काम करवाया। भूखे प्यासे काम करते हुए कई कर्मचारियों की तबियत बिगड़ गयी। प्रातः इन कर्मचारियों के शिफ्ट से बाहर जाने के बाद बिजली उत्पादन पर भारी प्रतिकूल असर दिखाई दिया। अनपरा में 210-210 मेगावाट क्षमता की 2 इकाईयाँ, ओबरा में 200-200 मेगा वाट क्षमता की 9 एवं 11 नम्बर इकाई तथा पारीछा में 210 मेगा वाट क्षमता की 3 नम्बर इकाई बंद करनी पड़ी। इसके अतिरिक्त अनपरा में 210 मेगवाट की एक इकाई तथा 500 मेगा वाट की एक इकाई एवं पारीछा में 110 मेगावाट की एक इकाई जो पहले से बंद थी उन्हें बिजली कर्मचारियों के अभाव में हड़ताल के दौरान नहीं चलाया जा सका। हड़ताल में राजनारायण सिंह मुन्नवर अली प्रभुनारायण पाण्डेय, आशुतोष यादव संदीप प्रजापति, नीरज त्रिपाठी अखिल पाण्डेय इत्यादि उपस्थित थे।
पटवध प्रतिनिधि के अनुसार विद्युत कर्मियों के सांकेतिक हड़ताल से शुक्रवार को आजमगढ़ जनपद के गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बिलरियागंज क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था चरमरा गई। जनसेवा संचालक, पानी, ऑनलाइन कार्यों के सब कार्य ठप हो गए और लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। शासन-प्रशासन द्वारा विद्युत उप केंद्रों पर प्राइवेट कर्मचारियों की तैनाती व पुलिस बल तैनात किए गए थे कि विद्युत व्यवस्था संचालित करने में कोई समस्या न हो जिससे आम जनता को कोई समस्या न होने पाएं । परंतु विद्युत व्यवस्था चरमरा जाने से शुक्रवार शाम को भाजपा कार्यकर्ता आक्रोशित हो उठे और बिलरियागंज स्थित विद्युत उपकेंद्र पर पहुंचकर हंगामा किया कुछ देर बाद सूचना पाकर सगड़ी एसडीएम राजीव रत्न सिंह ने पहुंचकर भाजपा कार्यकर्ताओं व जुटी आम जनता को समझा-बुझाकर विद्युत व्यवस्था जल्द से जल्द सुचारू रूप से मुहैया कराने का आश्वासन दिया
अतरौलिया प्रतिनिधि के अनुसार -स्थानीय नगर पंचायत में बिजली विभाग के घोषित हड़ताल से 10 घंटा पहले ही बिजली सप्लाई को पूरी तरह बाधित कर देने से आक्रोशित नगर व्यापारियों का सब्र उस समय टूट गया जब 36 घंटे से ऊपर हो जाने के बाद भी बिजली की सप्लाई चालू नहीं हो पाई। ब्यापारी जुलूस निकाल कर बौड़रा स्थित विद्युत उप केंद्र परिसर में जाकर धरने पर बैठ गए और बिजली विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। व्यापारियों के समूह को देखकर अतरौलिया क्राइम निरीक्षक रफी आलम और यसआई प्रभात चंद्र पाठक दल बल के साथ पावर हाउस पहुंच गए और व्यापारियों को समझा-बुझाकर बिजली चालू करने के प्रयासों को बताया। व्यापारियों द्वारा विद्युत उपकेंद्र पर धरने पर बैठने की सूचना मिलते ही उप जिलाधिकारी बूढ़नपुर नवीन प्रसाद ने फोन से व्यापारियों से अनुरोध किया कि हम यथासंभव प्रयास में लगे हुए हैं कि अतरौलिया की बिजली जल्दी से जल्द चालू करायी जाय। व्यापारियों ने मांग की कि ऐसे कर्मचारियों को चिन्हित कर जो जानबूझ कर गुप्त फाल्ट किए हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाय।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार