नाटक बेटी वियोग ने सबको रोने पर किया मजबूर

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आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। शारदा टॉकीज में तीन दिवसीय रंग महोत्सव (आरंगम) 2024 के दूसरे दिन सूत्रधार संस्थान द्वारा तीन दिवसीय रंग महोत्सव (आरंगम) के दूसरे दिन नाट्य संस्था संकल्प जिला बलिया की प्रस्तुति बेटी वियोग रही। कलाकारों ने मंचन से सबको रोने पर मजबूर कर दिया।
भोजपुरी के सेक्सपियर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर की अमरकृत रचना पर आधारित इस नाटक का निर्देशन रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने किया। महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की अमर कृति बेटी वियोग उस दौर की कहानी है जिस दौर में उत्तर प्रदेश और बिहार में गरीबी और लाचारी के कारण बेटियों को बेचा जाता था। बेटी बेचने से जो पैसा मिलता था उससे लोग खेती किसानी करते थे। इस कुप्रथा को रोकने के लिए सरकार द्वारा शारदा एक्ट लाया गया लेकिन उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। भिखारी ठाकुर के इस नाटक ने लोगों को झकझोर दिया। उन्हें अंदर से उद्वेलित किया। परिणाम यह हुआ कि लोगों ने बेटी बेचना बंद कर दिया और धीरे-धीरे यह कुप्रथा खत्म हो गई, लेकिन पूरी तरह से नहीं। पैसे के अभाव में दहेज के कारण आज भी लोग बेमेल विवाह करने पर मजबूर होते हैं और बेमेल विवाह के कारण एक लड़की की क्या व्यथा हो सकती है इस नाटक में दर्शाया गया है। इस मौके पर सूत्रधार संस्था के अध्यक्ष डॉ.सीके त्यागी, वरिष्ठ रंगकर्मी अभिषेक पंडित, डॉ.दीपक पाण्डेय, डॉ.प्रियंका पाण्डेय, डॉ.अर्चना सिंह, डॉ.अलका सिंह, अरुण मौर्य, कंचन, अंगद, सुमन, आंचल, विवेक पाण्डेय, निखिल, आशीष उपाध्याय, सत्यम, गोपाल, हर्ष आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार

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