आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। वेदांता इंटरनेशनल स्कूल में माँ शारदा ब्रह्मदेव सेवा ट्रस्ट द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर एवं औषधि वितरण तथा 21वीं सदी में अभिभावक की भूमिका कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर संजय गुप्ता (आईएमएस बीएचयू, खुशहाली फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक) शामिल हुए। उनके साथ डॉक्टर डीडी सिंह, डॉक्टर प्रशांत पांडे, डॉक्टर परिजात बरनवाल, डॉक्टर शरद मिश्रा, डॉक्टर अज़ीम अहमद और डॉक्टर राजेंद्र कंकरवाल ने भी अपनी सेवाएं प्रदान कीं।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि राजकुमार बैठा एसडीएम, मुख्य वक्ता डॉ संजय गुप्ता तथा संरक्षक वेदांता इंटरनेशनल स्कूल ब्रह्मदेव सिंह ने दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ किया। उन्होंने स्कूल की प्रबंधक समिति को ऐसे बहुद्देशीय कार्यक्रम कराने की बधाई दी और कहा कि आज 21वीं सदी में हमें ऐसे आयामों की बहुत आवश्यकता है जहां माता-पिता, अभिभावक बच्चों के मनोदशा को समझकर एक उचित सकारात्मक माहौल दे सके और उनके मन में जीवन की किसी भी चुनौती के लिए सकारात्मक नजरिया अपना सके।
डॉ. संजय गुप्ता ने उपस्थित जनसमूह को तनावमुक्त जीवन जीने के उपाय बताए। उन्होंने समझाया कि तनाव को कैसे कम किया जाए, सकारात्मक माहौल कैसे बनाया जाए, और यह क्यों आवश्यक है कि छात्रों के लिए सकारात्मक वातावरण का निर्माण किया जाए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को एक सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण प्रदान करें, ताकि वे एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण कर सकें।
डॉ संजय गुप्ता ने सभी अभिभावकों को शपथ ग्रहण कराई कि बच्चों के दोस्त बने न कि उनके न्यायाधीश उनके खुशी में शामिल हो। उन्होंने खुश रहने तथा हमेशा सकारात्मक ऊर्जा को अपने अन्दर रखने के लिए मंत्र भी साझा किया कि आज जो होगा अच्छा होगा। आज जो होना है बहुत अच्छा होना है।
कार्यक्रम के अंत में स्कूल प्रबंधन की ओर से सभी विशिष्ट अतिथियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्कूल के प्रबंध निदेशक शिव गोविंद सिंह तथा विद्यालय संरक्षक अरविंद सिंह ने सभी डॉक्टरों और उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस प्रकार के आयोजनों को नियमित रूप से जारी रखने का संकल्प लिया। इस आयोजन से स्थानीय समुदाय को न केवल चिकित्सा सेवाओं का लाभ मिला बल्कि स्वस्थ और सकारात्मक जीवन जीने की प्रेरणा भी मिलती है। कार्यक्रम को सफल बनाने में अनिल कुमार शुक्ला, प्रभाकर सिंह, एजाज अहमद, किशन मिश्रा सुप्रिया राय, सौम्या पांडे, सुनीता दीक्षित, रजनीश यादव, अजय श्रीवास्तव, अभय सिंह एवं सभी शिक्षकगणों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
रिपोर्ट-प्रमोद यादव/ज्ञानेन्द्र कुमार