महिला नसबंदी मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य का बेहतर बिकल्प: डॉ.मंजुला

शेयर करे

आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिला महिला चिकित्सालय की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिक डॉ.मंजुला सिंह ने कहा कि अक्सर महिलाएं अनचाहे गर्भ रोकने के लिए बर्थ कंट्रोल पिल्स यानी गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं। जो महिलाएं अपना परिवार पूरा कर चुकी होती हैं। वह महिलाएं नसबंदी का सहारा लेती हैं।
डा.सिंह ने बताया कि नसबंदी एक स्थायी प्रक्रिया है। नसबंदी से शरीर के साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहते हैं। महिला नसबंदी अनचाहे गर्भ को रोकने का सबसे अच्छा उपाय माना जाता है। इस प्रक्रिया में छोटा सा ऑपरेशन करवाना पड़ता है। यह ऑपरेशन सीजेरियन या मिनी लैपरोटोमी तकनीक से किया जाता है। इसको ट्यूबेक्टोमी, ट्यूबल लिगेशन और फीमेल स्टरलाइजेशन भी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि 40 या 45 साल से अधिक उम्र की महिलाएं प्रेग्नेंसी से बचने के लिए भी नसबंदी का सहारा लेती हैं। अगस्त 2021 से जुलाई 2022 तक लगभग 1550 महिला नसबंदी की गई है।
इनसेट–
नसबंदी के बाद बरतें सावधानी
आजमगढ़। डा.मंजुला सिंह ने बताया कि ऑपरेशन के बाद जांच जरूर करायें और साथ ही दवा और एंटी बायोटिक्स का कोर्स भी पूरा करें, नहीं तो इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। अगर ऑपरेशन के बाद बुखार, लगातार पेट दर्द, चीरे से खून या पीप आने जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ऑपरेशन के बाद सात दिन तक संबंध बनाने से बचें। ऑपरेशन के बाद पीरियड न आना या लेट हो जाए तो डॉक्टर से संपर्क करें।
रिपोर्ट-प्रमोद कुमार यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *