BHU के हृदय रोग विभाग में बेड की कमी किए जाने पर डॉक्टर ओमशंकर ने जताई नाराजगी

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बोले विभागाध्यक्ष- पुरानी बिल्डिंग में आपरेशन थिएटर की मशीनें खराब हैं, हम मरीजों की सर्जरी कैसे करें

वाराणसी (सृष्टि मीडिया)। क्या BHU अस्पताल के ह्रदय रोग विभाग में केवल 24 मरीजों का ही इलाज होगा? मरीजों के भारी दबाव के बावजूद इस विभाग में बेड की संख्या क्यों कम की जा रही है। पुरानी बिल्डिंग में आपरेशन थिएटर की मशीनें खराब हैं, हम मरीजों की सर्जरी कैसे करें। जहां नई ओटी बनी है उस कक्ष में ताला जड़ दिया गया है। सारी नई मशीनें उसमें बंद हैं, मरीजों के इलाज के लिए उसे कब खोला जाएगा? उक्त सवाल बीएचयू अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ओमशंकर ने बुधवार को आयोजित प्रेसवार्ता में पूछे।

54 बेड कार्डियोलॉजी विभाग के लिए सुरक्षित छोड़ दी जाए

बतादें, इस दौरान उन्होंने कहा कि अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में सर्जरी का काम प्रभावित हो गया है। इस मुद्दे पर कार्डियोलॉजी के कई डॉक्टर प्रो. ओमशंकर के सपोर्ट में आ गए हैं। उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन का नया फरमान लागू हुआ तो अब BHU में महज 24 हृदय रोगियों को ही एक बार में भर्ती कर पाएंगे। प्रोफेसर ओमशंकर ने कहा कि यदि इस वजह से किसी मरीज की जान जाती है तो वह लंका थाने में FIR दर्ज कराएंगे। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्रालय से इसकी शिकायत करेंगे। उन्होंने कहा कि 24 घंटे तक इंतजार करेंगे कि एसएसबी बिल्डिंग में बंद पड़ी कैथ लैब खोल दी गई या नहीं। वहीं फिर से 54 बेड कार्डियोलॉजी विभाग के लिए सुरक्षित छोड़ दी जाए।

नहीं हो पा रही है मरीजों की सर्जरी

प्रोफेसर ओमशंकर का कहना है कि अस्पताल की नई बिल्डिंग शताब्दी सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में शिफ्ट किए गए कैथ लैब को चालू नहीं किया जा रहा है। वहीं पुरानी बिल्डिंग में ओटी की मशीन खराब होने से मरीजों की सर्जरी नहीं हो पा रही है। प्रो. ओमशंकर ने कहा कि इमरजेंसी के हालात हो गए हैं। हम मरीजों का आपरेशन कहां करें। इस मुद्दे को लेकर प्रो. ओमशंकर और अस्पताल प्रशासन के बीच काफी दिनों से खींचतान चल रही है। प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि यह लड़ाई हमारे साम्राज्य विस्तार के लिए नहीं बल्कि मरीजों की सुविधा के लिए है। बता दें कि प्रो. ओमशंकर BHU में होने वाली लापरवाहियों और सुविधाओं को लेकर कई आंदोलन भी कर चुके हैं। इसमें एम्स का मुद्दा काफी चर्चित आंदोलन था।

24 बेड में नहीं चल पाएगा काम : ओमशंकर

उन्होंने कहा कि अभी कार्डियोलॉजी विभाग के पास मरीजों को भर्ती करने के लिए 30 बेड हैं। वहीं नई एसएसबी बिल्डिंग में 24 नए बेड तैयार हैं। इस पर अस्पताल के एमएस आफिस का कहना है कि आप 24 बेड में ही काम चलाएं। पुरानी बिल्डिंग में मौजूद 30 बेड मेडिसिन डिपार्टमेंट को सौंप दिया जाए। प्रो. ओमशंकर ने कहा कि मेडिसीन को अभी 105 बेड की जरूरत है। जबकि, उनके पास अभी 90 बेड हैं। डॉक्टर का कहना है कि आखिरकार हमारी सुविधाओं को काटकर उन्हें अपनी सुविधा क्यों बढ़ानी। मेडिसीन में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कार्डियोलॉजी से कम है। वहीं इलाज को आने वाले मरीजों में कार्डियोलॉजी में 9 गुना ज्यादा भीड़ है। पूरे दिन यहां पर दिल के मरीजों का मजमा लगा रहता है। हमारे पास मेडिसीन से तीन गुना कम रेजिडेंट हैं।

रिपोर्ट : अमन विश्वकर्मा

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