माहुल आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने गुरुवार को अहरौला विकास खंड की ग्राम पंचायत कोर्रा घाटमपुर में निर्माणाधीन अमृत सरोवर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सरोवर के स्टीमेट की फाइल को देखते हुए मनरेगा मजदूरों की उपस्थिति आदि की जांच के साथ ही साथ कटहल के पौधे का रोपड़ भी किया।
कोर्राघाटम पुर ग्राम पंचायत के राजस्व ग्राम चकलतीफ में बन रहे अमृत सरोवर का निरीक्षण करने आए जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने सर्व प्रथम खंड विकास अधिकारी विनोद बिंद से सरोवर के स्टीमेट की फाइल मांगी और बजट और मनरेगा मजदूरों के बारे में पूछा। इस पर खंड विकास अधिकारी ने कहा कि इस अमृत सरोवर का संपूर्ण बजट 25 लाख 75 हजार आठ सौ 30 का है। इसमें कुल 31 मनरेगा मजदूर कार्य कर रहे हैं। उसके बाद जिलाधिकारी ने मनरेगा मजदूरों से बारी-बारी से उनकी मजदूरी आदि के बारे में सवाल किया। अंत में उन्होंने अमृत सरोवर के पूर्वी किनारे पर कटहल के एक पौधे को रोपित कर खंड विकास अधिकारी को पौधरोपण का निर्देश दिया। इस मौके पर तकनीकी सहायक जयराम प्रजापति, एडीओ संजय कुमार एडीओ कोआपरेटिव वीर बहादुर और डीसी मनरेगा मिथिलेश तिवारी आदि मौजूद रहे।
इनसेट–
पूर्व प्रधान ने सरोवर निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार पर उठाया सवाल
माहुल (आजमगढ़)। जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज ने कोर्राघाटमपुर में बन रहे अमृत सरोवर का भले ही निरीक्षण किया। पर यहां के पूर्व प्रधान संतोष यादव ने इसमें हो रहे भ्रष्टाचार पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि इस पोखरे का निर्माण 50 वर्ष पहले ही हो चुका है और 2018-19 में इसका सुंदरीकरण मनरेगा द्वारा कराया जा चुका है। यही नहीं इसका आधा हिस्सा माहुल नगर पंचायत में है। पहले से निर्मित पोखरे को अमृत सरोवर के नाम से सरकारी कर्मचारी 25 लाख से अधिक का खर्च दिखा कर सरकारी धन का बंदरबाट कर रहे हैं। निर्माण में प्रयोग की जाने वाली सामग्री भी घटिया प्रयोग हो रही है।
रिपोर्ट-श्यामसिंह