रानीकीसराय आजमगढ़ (सृष्टिमीडिया)। स्थानीय ब्लाक क्षेत्र के अनौरा गांव निवासी दिव्यांग दंपति ब्लाक मुख्यालय अधिकारियों के पात्र अपात्र के खेल में आवास से वंचित रह गये। अब पीड़ित ने मुख्यमंत्री को पत्रक प्रेषित कर गुहार लगाई है।
रानीकीसराय ब्लाक में आवास के पात्रता के खेल कम निराले नहीं हैं। प्रधान और सेक्रेटरी की कृपा पर अपात्र भी पात्र बन जा रहे और पात्र का लाभ ले रहे हैं। निर्माण हो रहे आवास की निचले हिस्से की जांच करते ही पता चल जायेगा कि पक्की दीवार थी की नहीं जबकि इसी को अपात्र बनाने का ब्लाक द्वारा सहारा लिया जाता हैं। शासन द्वारा आवास में पारदर्शिता हेतु सब आनलाइन कर दिया परंतु सत्यापन के नाम पर खेल जारी है। पात्रता की ऐसा ही दंश झेल रहा है क्षेत्र के अनौरा गांव निवासी दिव्यांग रामबिलास। दंपति दिव्यांग है और किसी तरह गुजर करते है। समझौते में बनी दीवार के सहारे प्लास्टिक और कुछ चंदे के सहारे मिले आल्वेस्टर के सहारे गुजर कर रहे है। आवास में ब्लाक के सेक्रेटरी द्वारा पात्र नजर न आने पर जिलाधिकारी से गुहार लगाई। व्लाक द्वारा जाच कर आख्या दी गयी जिसमें 15 फरवरी को पात्र बताते हुए आवास सूची मे प्रतीक्षारत दिखाया गया। पुनः प्रार्थना पत्र पर जांच में अपात्र दिखा दिया गया। हास्यास्पद है व्लाक के एक ही अधिकारी की रिपोर्ट में पात्र और अपात्र दोनो। फिर डीएम से गुहार लगाई तो राजस्व निरीक्षक मुबारकपुर द्वारा मौके की जाच कर पात्र दिखाया गया।फिर भी आवास अभी तक नही मिल सका।जबकि शासन द्वारा आवास के लिए दिव्यांगजन के लिए अलग से पात्रता की योजना संचालित है बावजूद पीडित व्लाक के मनमानी रवैये की भेट चढ गया। पीड़ित ने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र प्रेषित कर गुहार लगाई है।
रिपोर्ट-प्रदीप वर्मा